Digvijay Singh Vs Pragya Thakur
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बीजेपी ने जिस बाबा को मंत्री का दर्जा दिया था वह अब कह रहा 'बदल के रख दो चौकीदार'
- Tuesday May 7, 2019
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक साल पहले जिस बाबा को बीजेपी (BJP) की तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था वही बाबा अब कह रहा है कि 'चौकीदार' को बदल डालो. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में भोपाल (Bhopal) सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के समर्थन में आगे आ चुके नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा (Computer Baba) प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) को साध्वी नहीं मानते. बाबा ने कहा कि 'साधु हत्याकांड, बम ब्लास्ट के साथ नहीं, आतंकवाद के साथ नहीं धर्म के साथ रहेगा.' मोदी सरकार पर उन्होंने टिप्पणी की कि 'राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं ... सबने सोचकर रखा है राम-राम ही अबकी बार, बदल के रख दो चौकीदार.'
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भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा ठाकुर की राह नहीं है आसान, 8 बड़ी बातें
- Sunday May 5, 2019
मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और बीजेपी की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के बीच हो रहे मुकाबले पर अब पूरे देश की नजर है. शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि प्रज्ञा ठाकुर के उतरने से दिग्विजय सिंह बैकफुट पर आ गए हैं और उन्होंने मीडिया के सामने पूरी तरह से चुप्पी साध ली थी. लेकिन मुंबई हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर बयान देकर प्रज्ञा ठाकुर ने एक तरह से खुद ही अपना नुकसान कर लिया. जेल में हुए कथित अत्याचार की कहानी बताते-बताते उन्होंने कह दिया कि उन्हीं के श्राप की वजह से हेमंत करकरे की मौत हुई है. उनके उस बयान की लोगों ने कड़ी निंदा करनी शुरू कर दी और बीजेपी बैकफुट में आ गई. नतीजा यह हुआ कि पार्टी के बड़े नेताओं ने जाकर प्रज्ञा ठाकुर को समझाया कि क्या बोलना है और क्या नहीं. हालांकि बीजेपी की ओर से उन्हें इस बात की पूरी छूट दी गई कि वह उनके साथ हुए जेल में कथित अत्याचार की कहानी खूब सुनाएं. आपको बता दें कि भोपाल सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता है आखिरी चुनाव कांग्रेस ने यहां पर 1984 में जीता था. लेकिन इस बार प्रज्ञा ठाकुर की राह आसान नहीं है और इसकी सिर्फ एक नहीं कई वजहे हैं.
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दिग्विजय सिंह VS प्रज्ञा ठाकुर : क्या कहते हैं भोपाल गैस कांड के पीड़ित
- Saturday April 27, 2019
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से दो बार मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह और उनके सामने बीजेपी से हैं प्रज्ञा सिंह ठाकुर. दोनों के सामने हैं 34 साल बाद भी वैसे ही खड़े भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित, जिनके जख्मों पर इतने साल के बाद भी कोई सरकार मरहम नहीं लगा पाई है. फिर भी दिल में ज़ख्म लिये भोपाल गैस त्रासदी के ये पीड़ित ऐसे लाखों पोस्टकार्ड पिटिशन में अपना दर्द लिखते हैं. भोपाल की रहने वाली हसीना पुतली के परिवार के 3 लोगों को गैस त्रासदी ने लील लिया था इनको सरकार की ओर से मिले मुआवजे का राशि माज्ञ 25 हजार रुपया है. हसीना की उम्मीदें अब पूरी तरह से टूट चुकी हैं.
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बीजेपी ने जिस बाबा को मंत्री का दर्जा दिया था वह अब कह रहा 'बदल के रख दो चौकीदार'
- Tuesday May 7, 2019
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक साल पहले जिस बाबा को बीजेपी (BJP) की तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था वही बाबा अब कह रहा है कि 'चौकीदार' को बदल डालो. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में भोपाल (Bhopal) सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के समर्थन में आगे आ चुके नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा (Computer Baba) प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) को साध्वी नहीं मानते. बाबा ने कहा कि 'साधु हत्याकांड, बम ब्लास्ट के साथ नहीं, आतंकवाद के साथ नहीं धर्म के साथ रहेगा.' मोदी सरकार पर उन्होंने टिप्पणी की कि 'राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं ... सबने सोचकर रखा है राम-राम ही अबकी बार, बदल के रख दो चौकीदार.'
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भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा ठाकुर की राह नहीं है आसान, 8 बड़ी बातें
- Sunday May 5, 2019
मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और बीजेपी की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर के बीच हो रहे मुकाबले पर अब पूरे देश की नजर है. शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि प्रज्ञा ठाकुर के उतरने से दिग्विजय सिंह बैकफुट पर आ गए हैं और उन्होंने मीडिया के सामने पूरी तरह से चुप्पी साध ली थी. लेकिन मुंबई हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर बयान देकर प्रज्ञा ठाकुर ने एक तरह से खुद ही अपना नुकसान कर लिया. जेल में हुए कथित अत्याचार की कहानी बताते-बताते उन्होंने कह दिया कि उन्हीं के श्राप की वजह से हेमंत करकरे की मौत हुई है. उनके उस बयान की लोगों ने कड़ी निंदा करनी शुरू कर दी और बीजेपी बैकफुट में आ गई. नतीजा यह हुआ कि पार्टी के बड़े नेताओं ने जाकर प्रज्ञा ठाकुर को समझाया कि क्या बोलना है और क्या नहीं. हालांकि बीजेपी की ओर से उन्हें इस बात की पूरी छूट दी गई कि वह उनके साथ हुए जेल में कथित अत्याचार की कहानी खूब सुनाएं. आपको बता दें कि भोपाल सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता है आखिरी चुनाव कांग्रेस ने यहां पर 1984 में जीता था. लेकिन इस बार प्रज्ञा ठाकुर की राह आसान नहीं है और इसकी सिर्फ एक नहीं कई वजहे हैं.
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दिग्विजय सिंह VS प्रज्ञा ठाकुर : क्या कहते हैं भोपाल गैस कांड के पीड़ित
- Saturday April 27, 2019
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से दो बार मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह और उनके सामने बीजेपी से हैं प्रज्ञा सिंह ठाकुर. दोनों के सामने हैं 34 साल बाद भी वैसे ही खड़े भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित, जिनके जख्मों पर इतने साल के बाद भी कोई सरकार मरहम नहीं लगा पाई है. फिर भी दिल में ज़ख्म लिये भोपाल गैस त्रासदी के ये पीड़ित ऐसे लाखों पोस्टकार्ड पिटिशन में अपना दर्द लिखते हैं. भोपाल की रहने वाली हसीना पुतली के परिवार के 3 लोगों को गैस त्रासदी ने लील लिया था इनको सरकार की ओर से मिले मुआवजे का राशि माज्ञ 25 हजार रुपया है. हसीना की उम्मीदें अब पूरी तरह से टूट चुकी हैं.
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