Bhopal Gas Tragedy 1984
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National Pollution Control Day: क्यों मनाया जाता है प्रदूषण नियंत्रण दिवस? जानें इतिहास, महत्व और मनाने का उद्देश्य
- Monday December 2, 2024
- Written by: अवधेश पैन्यूली
National Pollution Control Day: यह दिन उन लोगों की याद में समर्पित है, जिन्होंने 1984 में भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाई थी. यह दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी.
- ndtv.in
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भोपाल गैस त्रासदी : 39 साल बाद भी भीषण औद्योगिक हादसे की पीड़ा से उबर नहीं पा रहा शहर
- Saturday December 2, 2023
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
Bhopal Gas Tragedy: दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक की त्रासदी भोपाल शहर ने सन 1984 में 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात में झेली थी. भोपाल गैस कांड एक ऐसा औद्योगिक हादसा था जिसकी पीड़ा लाखों लोगों ने झेली. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 और 3 दिसंबर की रात में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) के कीटनाशक संयंत्र में मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस लीक हो गई थी. इस जहरीली गैस के संपर्क में आने से लाखों व्यक्ति प्रभावित हुए थे और करीब 3800 लोगों की तत्काल मौत हो गई थी.
- ndtv.in
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National Pollution Control Day 2023: कब और क्यों मनाया जाता है पॉल्यूशन डे? जानिए इस साथ की थीम और बचने के उपाय
- Saturday December 2, 2023
- Written by: अवधेश पैन्यूली
National Pollution Control Day: 1984 की भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों की याद में हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है, जो 2 और 3 दिसंबर को हुई थी. यह दिन उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने घातक दुर्घटना में अपनी जान गंवाई थी.
- ndtv.in
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बंबई हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी पर बनी वेब सीरीज के प्रदर्शन पर रोक लगाने से किया इनकार
- Friday November 17, 2023
- Reported by: भाषा
बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने वेब सीरीज ‘द रेलवे मैन-द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ भोपाल 1984’ (The Railway Man-The Untold Story of Bhopal 1984) के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि इस घटना का विवरण पहले ही सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है.
- ndtv.in
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भोपाल गैस त्रासदी: कोर्ट के फैसले से नाराज NGO ने पीड़ितों के लिए की मुआवजे की मांग
- Monday March 20, 2023
- Reported by: भाषा, Edited by: अंजलि कर्मकार
भोपाल में दिसंबर 1984 में हुए गैस कांड में तीन हजार लोगों की मौत हो गयी थी और हजारों लोग इससे बीमार हो गए. गैस पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग करने वाली याचिका को शीर्ष अदालत द्वारा 14 मार्च को खारिज कर दिया गया था.
- ndtv.in
-
'1984 जैसा मंजर था...' : भोपाल में Chlorine Gas Leak होने पर कैसे बस्ती खाली करके भागे लोग
- Thursday October 27, 2022
- Reported by: अनुराग द्वारी
Chlorine Gas Leak : हादसे ने बस्ती में रह रहे लोगों को साल 1984 में हुए भोपाल गैसकांड की याद दिला दी. जब एक जहरीली गैस लीक होने की वजह से हजारों लोगों की जान चली गई थी.
- ndtv.in
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12 साल बाद भी भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ी याचिका पर केंद्र सरकार की तैयारी अधूरी, पीड़ितों में भारी रोष
- Wednesday September 21, 2022
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: प्रमोद प्रवीण
2 और 3 दिसंबर, 1984 की दरमियानी रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली 'मिथाइल आइसोसाइनेट' गैस रिसने के बाद सरकारी आंकड़ों में 5,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, लाखों लोग प्रभावित हुए थे. केंद्र ने मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट में सुधार याचिका दायर कर 7400 करोड़ की अतिरिक्त राशि की मांग की थी.
- ndtv.in
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The Railway Men Teaser: भोपाल गैस त्रासदी पर आधारित है नेटफ्लिक्स वेब सीरीज द रेलवे मैन, बाबिल खान आएंगे नजर
- Saturday October 28, 2023
- Edited by: नरेंद्र सैनी
The Railway Men Teaser: 'द रेलवे मैन' 2 दिसंबर, 2022 को स्ट्रीम करेगी. बता दें कि 2 दिसंबर, 1984 की आधी रात के बाद, अमेरिकन यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन की एक कीटनाशक फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हो गया.
- ndtv.in
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रॉनी स्क्रूवाला ने खरीदे 'फाइव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल' के अधिकार
- Friday December 4, 2020
- Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क
भोपाल के प्राचीन शहर में 1984 में स्थापित, एक अमेरिकी कीटनाशक संयंत्र से निकले जहरीले गैस के बादल से हजारों लोग मारे गए और घायल हो गए - भोपाल गैस त्रासदी. "फाइव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल" में लैपिएरे और मोरो ने सैकड़ों पात्रों, गवाहों और एक रोमांचकारी मानव त्रासदी का किताब में उल्लेख किया है
- ndtv.in
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भोपाल गैस त्रासदी : पीढ़ियों को निगल रहा जहर, सरकारें यूनियन कार्बाइड के हितों की रक्षक
- Tuesday December 3, 2019
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सन 1984 में गैस रिसी और एक शहर तबाह हो गया...तीन दशक से ज्यादा वक्त बीत गया.. लेकिन लाखों लोगों के लिए वक्त 84 में ही ठहर गया. हजारों लोगों को मौत के मुंह में धकेलने वाली भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक है, लेकिन अब इस पर कोई बहस नहीं होती. आरोप लगते रहे हैं कि केन्द्र और राज्य सरकारें आज भी पीड़ितों के बजाए यूनियन कार्बाइड और उसके वर्तमान मालिक डाव केमिकल के हितों की रक्षा कर रही हैं. इन सबके बीच इन पीड़ितों की दमदार आवाज़ अब्दुल जब्बार कुछ दिनों पहले गुजर गए. इस बीच गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक और बड़ा आरोप लगाया है कि शोध के ऐसे नतीजे को दबा दिया, जिससे कंपनियों से पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए दायर सुधार याचिका को मजबूती मिल सकती थी.
- ndtv.in
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Bhopal Gas tragedy: 35 साल पहले की वो त्रासदी जिसने खत्म कर दी हजारों जिंदगियां
- Tuesday December 3, 2019
- Written by: Megha Sharma
Bhopal Gas Tragedy: 3 दिसंबर 1984 को भोपाल में कई लोगों को खांसी, आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी आदि समस्याएं आने लगी.
- ndtv.in
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भोपाल गैसकांड की बरसी : देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर में आज भी मौजूद है सैकड़ों टन ज़हरीला कचरा
- Monday December 3, 2018
- राकेश कुमार मालवीय
आइए, बरसी आ गई है, जो लोग इसे भूल गए हैं, या जिन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है, उन्हें बता दें कि 1984 में 2 और 3 दिसंबर के बीच की रात भोपाल शहर पर कहर बनकर टूटी थी. यह हादसा दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक था, जब यूनियन कार्बाइड कारखाने से एक खतरनाक ज़हरीली गैस रिसी थी, और पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया था. इस मामले में सरकार ने 22,121 मामलों को मृत्यु की श्रेणी में दर्ज किया था, जबकि 5,74,386 मामलों में तकरीबन 1,548.59 करोड़ रुपये की मुआवज़ा राशि बांटी गई, लेकिन क्या मुआवज़ा राशि बांट दिया जाना पर्याप्त था.
- ndtv.in
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Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी के 34 साल बाद भी न्याय के लिए संघर्षरत हैं प्रभावित
- Monday December 3, 2018
- भाषा
विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस कांड के 34 साल पूरे होने के बाद भी इसकी जहरीली गैस से प्रभावित अब भी उचित इलाज, पर्याप्त मुआवजे, न्याय एवं पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की लड़ाई लड़ रहे हैं. गैस पीड़ितों के हितों के लिये पिछले तीन दशकों से अधिक समय से काम करने वाले भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने कहा, ‘हादसे के 34 साल बाद भी न तो मध्यप्रदेश सरकार ने और ना ही केन्द्र सरकार ने इसके नतीजों और प्रभावों का कोई समग्र आकलन करने की कोशिश की है, ना ही उसके लिए कोई उपचारात्मक कदम उठाए हैं.’
- ndtv.in
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भोपाल में यूनियन कार्बाइड के परिसर में बनेगा 1984 की गैस त्रासदी का स्मारक
- Monday October 17, 2016
- भाषा
भोपाल गैस त्रासदी के करीब 32 साल बाद मध्यप्रदेश सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह दुनिया के सबसे भयावह औद्योगिक त्रासदियों में शामिल इस त्रासदी के लिए स्मारक बनवाएगी. भोपाल गैस कांड में हजारों लोगों की मौत हुई थी.
- ndtv.in
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भोपाल गैस त्रासदी : शांति के परिवार की दुखद कहानी, कार्बाइड ने तबाह कर दी जिंदगी
- Thursday November 26, 2015
- Edited by: IANS
शहर के शाहजहांबाद इलाके में शांति बाई का कभी बर्फ का कारखाना हुआ करता था, जो 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार देता था। लेकिन 31 साल पहले काल बनकर आई 1984 की दो दिसंबर की रात ने खुशहाल जीवन को गमजदा बना दिया।
- ndtv.in
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National Pollution Control Day: क्यों मनाया जाता है प्रदूषण नियंत्रण दिवस? जानें इतिहास, महत्व और मनाने का उद्देश्य
- Monday December 2, 2024
- Written by: अवधेश पैन्यूली
National Pollution Control Day: यह दिन उन लोगों की याद में समर्पित है, जिन्होंने 1984 में भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाई थी. यह दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी.
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भोपाल गैस त्रासदी : 39 साल बाद भी भीषण औद्योगिक हादसे की पीड़ा से उबर नहीं पा रहा शहर
- Saturday December 2, 2023
- Edited by: सूर्यकांत पाठक
Bhopal Gas Tragedy: दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक की त्रासदी भोपाल शहर ने सन 1984 में 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात में झेली थी. भोपाल गैस कांड एक ऐसा औद्योगिक हादसा था जिसकी पीड़ा लाखों लोगों ने झेली. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 और 3 दिसंबर की रात में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) के कीटनाशक संयंत्र में मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस लीक हो गई थी. इस जहरीली गैस के संपर्क में आने से लाखों व्यक्ति प्रभावित हुए थे और करीब 3800 लोगों की तत्काल मौत हो गई थी.
- ndtv.in
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National Pollution Control Day 2023: कब और क्यों मनाया जाता है पॉल्यूशन डे? जानिए इस साथ की थीम और बचने के उपाय
- Saturday December 2, 2023
- Written by: अवधेश पैन्यूली
National Pollution Control Day: 1984 की भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों की याद में हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है, जो 2 और 3 दिसंबर को हुई थी. यह दिन उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने घातक दुर्घटना में अपनी जान गंवाई थी.
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बंबई हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी पर बनी वेब सीरीज के प्रदर्शन पर रोक लगाने से किया इनकार
- Friday November 17, 2023
- Reported by: भाषा
बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने वेब सीरीज ‘द रेलवे मैन-द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ भोपाल 1984’ (The Railway Man-The Untold Story of Bhopal 1984) के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि इस घटना का विवरण पहले ही सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है.
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भोपाल गैस त्रासदी: कोर्ट के फैसले से नाराज NGO ने पीड़ितों के लिए की मुआवजे की मांग
- Monday March 20, 2023
- Reported by: भाषा, Edited by: अंजलि कर्मकार
भोपाल में दिसंबर 1984 में हुए गैस कांड में तीन हजार लोगों की मौत हो गयी थी और हजारों लोग इससे बीमार हो गए. गैस पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग करने वाली याचिका को शीर्ष अदालत द्वारा 14 मार्च को खारिज कर दिया गया था.
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'1984 जैसा मंजर था...' : भोपाल में Chlorine Gas Leak होने पर कैसे बस्ती खाली करके भागे लोग
- Thursday October 27, 2022
- Reported by: अनुराग द्वारी
Chlorine Gas Leak : हादसे ने बस्ती में रह रहे लोगों को साल 1984 में हुए भोपाल गैसकांड की याद दिला दी. जब एक जहरीली गैस लीक होने की वजह से हजारों लोगों की जान चली गई थी.
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12 साल बाद भी भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ी याचिका पर केंद्र सरकार की तैयारी अधूरी, पीड़ितों में भारी रोष
- Wednesday September 21, 2022
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: प्रमोद प्रवीण
2 और 3 दिसंबर, 1984 की दरमियानी रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली 'मिथाइल आइसोसाइनेट' गैस रिसने के बाद सरकारी आंकड़ों में 5,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, लाखों लोग प्रभावित हुए थे. केंद्र ने मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट में सुधार याचिका दायर कर 7400 करोड़ की अतिरिक्त राशि की मांग की थी.
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The Railway Men Teaser: भोपाल गैस त्रासदी पर आधारित है नेटफ्लिक्स वेब सीरीज द रेलवे मैन, बाबिल खान आएंगे नजर
- Saturday October 28, 2023
- Edited by: नरेंद्र सैनी
The Railway Men Teaser: 'द रेलवे मैन' 2 दिसंबर, 2022 को स्ट्रीम करेगी. बता दें कि 2 दिसंबर, 1984 की आधी रात के बाद, अमेरिकन यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन की एक कीटनाशक फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हो गया.
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रॉनी स्क्रूवाला ने खरीदे 'फाइव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल' के अधिकार
- Friday December 4, 2020
- Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क
भोपाल के प्राचीन शहर में 1984 में स्थापित, एक अमेरिकी कीटनाशक संयंत्र से निकले जहरीले गैस के बादल से हजारों लोग मारे गए और घायल हो गए - भोपाल गैस त्रासदी. "फाइव पास्ट मिडनाइट इन भोपाल" में लैपिएरे और मोरो ने सैकड़ों पात्रों, गवाहों और एक रोमांचकारी मानव त्रासदी का किताब में उल्लेख किया है
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भोपाल गैस त्रासदी : पीढ़ियों को निगल रहा जहर, सरकारें यूनियन कार्बाइड के हितों की रक्षक
- Tuesday December 3, 2019
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सन 1984 में गैस रिसी और एक शहर तबाह हो गया...तीन दशक से ज्यादा वक्त बीत गया.. लेकिन लाखों लोगों के लिए वक्त 84 में ही ठहर गया. हजारों लोगों को मौत के मुंह में धकेलने वाली भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक है, लेकिन अब इस पर कोई बहस नहीं होती. आरोप लगते रहे हैं कि केन्द्र और राज्य सरकारें आज भी पीड़ितों के बजाए यूनियन कार्बाइड और उसके वर्तमान मालिक डाव केमिकल के हितों की रक्षा कर रही हैं. इन सबके बीच इन पीड़ितों की दमदार आवाज़ अब्दुल जब्बार कुछ दिनों पहले गुजर गए. इस बीच गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक और बड़ा आरोप लगाया है कि शोध के ऐसे नतीजे को दबा दिया, जिससे कंपनियों से पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए दायर सुधार याचिका को मजबूती मिल सकती थी.
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Bhopal Gas tragedy: 35 साल पहले की वो त्रासदी जिसने खत्म कर दी हजारों जिंदगियां
- Tuesday December 3, 2019
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Bhopal Gas Tragedy: 3 दिसंबर 1984 को भोपाल में कई लोगों को खांसी, आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी आदि समस्याएं आने लगी.
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भोपाल गैसकांड की बरसी : देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर में आज भी मौजूद है सैकड़ों टन ज़हरीला कचरा
- Monday December 3, 2018
- राकेश कुमार मालवीय
आइए, बरसी आ गई है, जो लोग इसे भूल गए हैं, या जिन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है, उन्हें बता दें कि 1984 में 2 और 3 दिसंबर के बीच की रात भोपाल शहर पर कहर बनकर टूटी थी. यह हादसा दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक था, जब यूनियन कार्बाइड कारखाने से एक खतरनाक ज़हरीली गैस रिसी थी, और पूरे शहर को अपनी चपेट में ले लिया था. इस मामले में सरकार ने 22,121 मामलों को मृत्यु की श्रेणी में दर्ज किया था, जबकि 5,74,386 मामलों में तकरीबन 1,548.59 करोड़ रुपये की मुआवज़ा राशि बांटी गई, लेकिन क्या मुआवज़ा राशि बांट दिया जाना पर्याप्त था.
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Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी के 34 साल बाद भी न्याय के लिए संघर्षरत हैं प्रभावित
- Monday December 3, 2018
- भाषा
विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस कांड के 34 साल पूरे होने के बाद भी इसकी जहरीली गैस से प्रभावित अब भी उचित इलाज, पर्याप्त मुआवजे, न्याय एवं पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की लड़ाई लड़ रहे हैं. गैस पीड़ितों के हितों के लिये पिछले तीन दशकों से अधिक समय से काम करने वाले भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने कहा, ‘हादसे के 34 साल बाद भी न तो मध्यप्रदेश सरकार ने और ना ही केन्द्र सरकार ने इसके नतीजों और प्रभावों का कोई समग्र आकलन करने की कोशिश की है, ना ही उसके लिए कोई उपचारात्मक कदम उठाए हैं.’
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भोपाल में यूनियन कार्बाइड के परिसर में बनेगा 1984 की गैस त्रासदी का स्मारक
- Monday October 17, 2016
- भाषा
भोपाल गैस त्रासदी के करीब 32 साल बाद मध्यप्रदेश सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह दुनिया के सबसे भयावह औद्योगिक त्रासदियों में शामिल इस त्रासदी के लिए स्मारक बनवाएगी. भोपाल गैस कांड में हजारों लोगों की मौत हुई थी.
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भोपाल गैस त्रासदी : शांति के परिवार की दुखद कहानी, कार्बाइड ने तबाह कर दी जिंदगी
- Thursday November 26, 2015
- Edited by: IANS
शहर के शाहजहांबाद इलाके में शांति बाई का कभी बर्फ का कारखाना हुआ करता था, जो 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार देता था। लेकिन 31 साल पहले काल बनकर आई 1984 की दो दिसंबर की रात ने खुशहाल जीवन को गमजदा बना दिया।
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