Bhopal Gas Tragedy History: "बहुत ही भयावह स्थिति थी... बहुत ही ज्यादा... ये समझ लीजिए कि हम लोग सब परेशान थे. जो भी थे अंदर, वो लोग भी सब परेशान थे. बाहर जब देखा हमने तो बाहर रात में जो कुछ भी दिखा हमें, तो सारे लोग परेशान. दौड़ रहे थे, गिर रहे थे." ऐसा अक्सर गैस त्रासदी के पीड़ित बोलते हैं. वो दिसंबर 1984 की एक सर्द रात थी. अचानक, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल (Bhopal) में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (Union Carbide India Limited Factory) के कीटनाशक कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस (Methyl Isocyanate Gas) का रिसाव शुरू हो गया... अनुमान के मुताबिक, जहरीली गैस ने 5479 लोगों की एक ही झटके में जान ले ली. जहरीली गैस का असर पांच लाख से ज्यादा लोगों पर पड़ा. ये दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक दुर्घटना थी.