नरसिंह यादव ने 74 किग्रा भारवर्ग में ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया था (फाइल फोटो)
- नरसिंह यादव और सुशील कुमार के बीच ओलिंपिक के लिए संघर्ष चला
- पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में दो बार पॉजिटिव पाए गए थे
- नाडा से मिली थी क्लीनचिट, लेकिन खेल पंचाट ने उनकी दलीलें ठुकरा दीं
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नई दिल्ली:
रियो ओलिंपिक में भाग लेने से अंतिम समय में वंचित रह गए पहलवान नरसिंह यादव के डोपिंग मामले की सीबीआई जांच जारी है. इसी सिलसिले में सीबीआई ने शनिवार को नरसिंह यादव का बयान दर्ज किया. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने इस विवादित मामले की जांच जनवरी में सीबीआई को सौंप दी थी, क्योंकि पहलवान नरसिंह ने अपने खिलाफ साजिश का आरोप लगाया था. इससे पहले मामला सौंपे जाने के बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया था, लेकिन नरसिंह का बयान दर्ज नहीं हुआ था. माना जा रहा है कि नरसिंह के बयान दर्ज हो जाने के बाद जांच में तेजी आएगी.
एएनआई के ट्वीट के अनुसार पहलवान नरसिंह यादव ने अपने खिलाफ चल रहे डोपिंग मामले में सीबीआई के पास बयान रिकॉर्ड करा दिया है.
नरसिंह यादव ने अपने बयान में कहा, 'उम्मीद करता हूं कि मैं जल्द ही रेसलिंग मैट पर वापस लौटूंगा'
लगा है चार साल का बैन
रियो ओलिंपिक के दौरान अंतिम समय में खेल पंचाट ने नरसिंह यादव पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे वह मुकाबले में भाग नहीं ले पाए थे. रियो ओलंपिक में उन्हें कुश्ती के 74 किलो भारवर्ग में हिस्सा लेना था.
यह था मामला
पहलवान नरसिंह यादव के खिलाफ जुलाई में डोपिंग का खुलासा हुआ था और उन पर प्रतिबंधित पदार्थ लिए जाने के आरोप लगे थे. इसके जवाब में नरसिंह यादव ने कहा था कि सोनीपत स्थित साई के सेंटर के हॉस्टल में उनके खिलाफ साजिश हुई है और उनके खाने में प्रतिबंधित पदार्थ मिला दिया गया है. हालांकि नाडा के पास चली लंबी सुनवाई में उन्हें क्लीनचिट मिल गई थी, लेकिन मामला वाडा के पास जाने के बाद खेल पंचाट में उनकी दलील खारिज कर दी गई और प्रतिबंधित कर दिया गया. कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (कैस) ने नाडा के फैसले को नहीं माना और नरसिंह पर चार साल का प्रतिबंध लगा सो अलग.
गौरतलब है कि नरसिंह यादव और पहलवान सुशील कुमार के बीच ओलिंपिक कोटे को लेकर संघर्ष चल रहा था और यह लड़ाई कोर्ट तक पहुंची थी, जहां सुशील को हार मिली थी. नरसिंह यादव ने 2015 में वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रियो के लिए 74 किग्रा वर्ग में क्वालिफाई कर लिया था.
नरसिंह के मूत्र का नमूना प्रतियोगिता के इतर 25 जून को लिया गया और इसमें मिथेनडाइनोन के अंश पाए गए. 5 जुलाई को प्रतियोगिता के इतर लिए गए एक अन्य नमूने में भी मिथेनडाइनोन के लंबे समय तक रहने वाले अंश पाए गए. मामले में एक और ट्विस्ट तब आ गया जब नाडा के टेस्ट में नरसिंह का डोप टेस्ट पॉजिटिव आया. इसे लेकर भी आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चला. यह भी कहा गया कि एक साजिश के तहत नरसिंह को रियो जाने से रोका जा रहा है.
एएनआई के ट्वीट के अनुसार पहलवान नरसिंह यादव ने अपने खिलाफ चल रहे डोपिंग मामले में सीबीआई के पास बयान रिकॉर्ड करा दिया है.
Wrestler Narsingh Yadav records his statement with CBI in the ongoing doping case against him
— ANI (@ANI_news) 14 January 2017
नरसिंह यादव ने अपने बयान में कहा, 'उम्मीद करता हूं कि मैं जल्द ही रेसलिंग मैट पर वापस लौटूंगा'
Hopeful that I will be soon back on the wrestling mat: Narsingh Yadav
— ANI (@ANI_news) 14 January 2017
लगा है चार साल का बैन
रियो ओलिंपिक के दौरान अंतिम समय में खेल पंचाट ने नरसिंह यादव पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे वह मुकाबले में भाग नहीं ले पाए थे. रियो ओलंपिक में उन्हें कुश्ती के 74 किलो भारवर्ग में हिस्सा लेना था.
यह था मामला
पहलवान नरसिंह यादव के खिलाफ जुलाई में डोपिंग का खुलासा हुआ था और उन पर प्रतिबंधित पदार्थ लिए जाने के आरोप लगे थे. इसके जवाब में नरसिंह यादव ने कहा था कि सोनीपत स्थित साई के सेंटर के हॉस्टल में उनके खिलाफ साजिश हुई है और उनके खाने में प्रतिबंधित पदार्थ मिला दिया गया है. हालांकि नाडा के पास चली लंबी सुनवाई में उन्हें क्लीनचिट मिल गई थी, लेकिन मामला वाडा के पास जाने के बाद खेल पंचाट में उनकी दलील खारिज कर दी गई और प्रतिबंधित कर दिया गया. कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (कैस) ने नाडा के फैसले को नहीं माना और नरसिंह पर चार साल का प्रतिबंध लगा सो अलग.
गौरतलब है कि नरसिंह यादव और पहलवान सुशील कुमार के बीच ओलिंपिक कोटे को लेकर संघर्ष चल रहा था और यह लड़ाई कोर्ट तक पहुंची थी, जहां सुशील को हार मिली थी. नरसिंह यादव ने 2015 में वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रियो के लिए 74 किग्रा वर्ग में क्वालिफाई कर लिया था.
नरसिंह के मूत्र का नमूना प्रतियोगिता के इतर 25 जून को लिया गया और इसमें मिथेनडाइनोन के अंश पाए गए. 5 जुलाई को प्रतियोगिता के इतर लिए गए एक अन्य नमूने में भी मिथेनडाइनोन के लंबे समय तक रहने वाले अंश पाए गए. मामले में एक और ट्विस्ट तब आ गया जब नाडा के टेस्ट में नरसिंह का डोप टेस्ट पॉजिटिव आया. इसे लेकर भी आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चला. यह भी कहा गया कि एक साजिश के तहत नरसिंह को रियो जाने से रोका जा रहा है.
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