भारतीय हॉकी टीम की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
साल 2014 में भारत और पाकिस्तान के बीच दो अहम मुक़ाबलों की तस्वीरें दोनों टीमों के फ़ैन्स के बीच एकदम ताज़ा हैं। पिछले साल इंचियोन एशियाड के फ़ाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराकर इतिहास रचा और रियो ओलिंपिक का टिकट हासिल कर लिया।
वहीं दूसरी तरफ, भुवनेश्वर में हुई चैंपियंस ट्रॉफ़ी के दौरान पाकिस्तान टीम ने भारत को हराकर उस हार का बदला लिया। जीत के बाद कई पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने शर्ट उतारकर भुवनेश्वर के फ़ैन्स को कोसा और उस जीत को कड़वा बना दिया।
क़रीब छह महीने बाद दोनों टीमें एक बार फिर 26 जून को टकराएंगी, तो टीमों की रणनीति और खिलाड़ियों की फ़िटनेस के अलावा उनके बीच दबाव एक बड़ा मुद्दा होगा। ये ज़रूर है कि एंटवर्प में भारत और पाकिस्तान की तरह फ़ैन्स की संख्या नहीं होगी, फिर भी टीम पर पुराने मैचों का दबाव तो होगा ही।
टीम हॉकी इंडिया के डच कोच पॉल वैन हास की एक और मुश्किल है- रूपिन्दर पाल सिंह का चोटिल होना। वो इसे मानने से इनकार भी नहीं करते। फ़्रांस और पोलैंड जैसी टीमों को हराने के बावजूद वह टीम हॉकी इंडिया की कमियों की ओर इशारा कर रहे हैं।
कोच हास मानते हैं कि रूपिन्दर की कमी की वजह से टीम की ड्रैग फ़्लिकिंग कमज़ोर हुई है। ये कमी पहले दो मैचों में उभरकर सामने आ गई। पहले दो मैचों में टीम हॉकी इंडिया छह में से सिर्फ़ एक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने में कामयाब रही। रूपिन्दर को वॉर्म अप मैचों के दौरान चोट लगी। लेकिन कोच कहते हैं कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ रूपिन्दर फ़िट होंगे और मैदान पर उतरेंगे।
पिछले दो साल में रूपिन्दर और वीआर रघुनाथ की वजह से टीम इंडिया को कई मैचों में बड़ी कामयाबी हासिल की है। टूर्नामेंट से पहले रघुनाथ के घायल होने की वजह से कोच हास ने रूपिन्दर को टीम में शामिल किया है। वो रूपिन्दर से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ फ़ॉर्म में होने की उम्मीद ज़रूर करेंगे। हास पेनल्टी कॉर्नर के विभिन्न विकल्पों पर काम कर रहे हैं।
इस बीच मिडफ़ील्डर ललित उपाध्याय ने टीम की रणनीति थोड़ी और साफ़ की है। टीम मैनेजमेंट ने इशारा किया है कि वो बॉल पोसेशन पर ख़ास ध्यान देंगे। यानी टीम हॉकी इंडिया मैच की स्पीड पर भी नियंत्रण करना चाहेगी।
दोनों टीमों के आंकड़े एक बार फिर दोनों के बीच कड़ी टक्कर की अहमियत साबित कर रहे हैं। दोनों के बीच अबतक हुए 161 मैचों में भारत ने 54 और पाकिस्तान ने 80 मैच जीते हैं। एक बार फिर भारत-पाक मैच का बुख़ार ज़ोर पकड़ने लगा है और एक बार फिर से रोमांच भी बढ़ने लगा है।
वहीं दूसरी तरफ, भुवनेश्वर में हुई चैंपियंस ट्रॉफ़ी के दौरान पाकिस्तान टीम ने भारत को हराकर उस हार का बदला लिया। जीत के बाद कई पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने शर्ट उतारकर भुवनेश्वर के फ़ैन्स को कोसा और उस जीत को कड़वा बना दिया।
क़रीब छह महीने बाद दोनों टीमें एक बार फिर 26 जून को टकराएंगी, तो टीमों की रणनीति और खिलाड़ियों की फ़िटनेस के अलावा उनके बीच दबाव एक बड़ा मुद्दा होगा। ये ज़रूर है कि एंटवर्प में भारत और पाकिस्तान की तरह फ़ैन्स की संख्या नहीं होगी, फिर भी टीम पर पुराने मैचों का दबाव तो होगा ही।
टीम हॉकी इंडिया के डच कोच पॉल वैन हास की एक और मुश्किल है- रूपिन्दर पाल सिंह का चोटिल होना। वो इसे मानने से इनकार भी नहीं करते। फ़्रांस और पोलैंड जैसी टीमों को हराने के बावजूद वह टीम हॉकी इंडिया की कमियों की ओर इशारा कर रहे हैं।
कोच हास मानते हैं कि रूपिन्दर की कमी की वजह से टीम की ड्रैग फ़्लिकिंग कमज़ोर हुई है। ये कमी पहले दो मैचों में उभरकर सामने आ गई। पहले दो मैचों में टीम हॉकी इंडिया छह में से सिर्फ़ एक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने में कामयाब रही। रूपिन्दर को वॉर्म अप मैचों के दौरान चोट लगी। लेकिन कोच कहते हैं कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ रूपिन्दर फ़िट होंगे और मैदान पर उतरेंगे।
पिछले दो साल में रूपिन्दर और वीआर रघुनाथ की वजह से टीम इंडिया को कई मैचों में बड़ी कामयाबी हासिल की है। टूर्नामेंट से पहले रघुनाथ के घायल होने की वजह से कोच हास ने रूपिन्दर को टीम में शामिल किया है। वो रूपिन्दर से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ फ़ॉर्म में होने की उम्मीद ज़रूर करेंगे। हास पेनल्टी कॉर्नर के विभिन्न विकल्पों पर काम कर रहे हैं।
इस बीच मिडफ़ील्डर ललित उपाध्याय ने टीम की रणनीति थोड़ी और साफ़ की है। टीम मैनेजमेंट ने इशारा किया है कि वो बॉल पोसेशन पर ख़ास ध्यान देंगे। यानी टीम हॉकी इंडिया मैच की स्पीड पर भी नियंत्रण करना चाहेगी।
दोनों टीमों के आंकड़े एक बार फिर दोनों के बीच कड़ी टक्कर की अहमियत साबित कर रहे हैं। दोनों के बीच अबतक हुए 161 मैचों में भारत ने 54 और पाकिस्तान ने 80 मैच जीते हैं। एक बार फिर भारत-पाक मैच का बुख़ार ज़ोर पकड़ने लगा है और एक बार फिर से रोमांच भी बढ़ने लगा है।
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