मौजूदा विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने पूरे प्रतिशोध के साथ वापसी करके आठवीं बाजी में बोरिस गेल्फांद को हराकर मुकाबले को फिर बराबरी पर ला दिया।
                                            
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                                                                                मॉस्को: 
                                        मौजूदा विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने पूरे प्रतिशोध के साथ वापसी करके आठवीं बाजी में बोरिस गेल्फांद को हराकर मुकाबले को फिर बराबरी पर ला दिया।
आनंद रविवार को अगर रंग में नहीं थे तो सोमवार को सब कुछ उनके अनुकूल हुआ। गेल्फांद समझ ही नहीं पाए कि क्या किया जाए, और केवल एक हाथी के लिए उन्होंने अपनी रानी को गहरे संकट में डाल दिया। गेल्फांद ने यहीं पर हाथ खड़े कर दिए और बाजी केवल 17 चाल में समाप्त हो गई।
यह पिछली कुछ विश्व चैम्पियनशिप में सबसे कम चाल तक चली बाजी है। इस जीत से आनंद ने मुकाबले को 4-4 से बराबरी पर ला दिया। भारतीय खिलाड़ी ने 12 बाजियों के मुकाबले में शानदार वापसी की। उन्हें रविवार को काले मोहरों से हार का सामना करना पड़ा था।
गेल्फांद ने जब किंग्स इंडियन डिफेन्स अपनाया तो हालांकि यह आनंद के लिए चौंकाने वाली चाल थी, लेकिन वह इससे अधिक प्रभावित नहीं हुए। वह पूरी तैयारी के साथ उतरे थे। गेल्फांद के लिए हैरान होने का समय सातवीं चाल में आया, जब आनंद ने एक तरफ से आक्रमण करना शुरू किया। गेल्फांद ने जवाब देने की पूरी कोशिश की, लेकिन आनंद ने उन्हें जाल में फंसा दिया।
गेल्फांद ने मिडिल गेम को जटिल बनाने की कोशिश की। आनंद ने 12वीं चाल में अपने राजा के सामने के प्यादे को आगे करके काले घोड़े को पीछे जाने के लिए मजबूर किया। गेल्फांद ने यहां पर सकारात्मक रवैया अपनाने के बजाए धर्य खो दिया, और उन्होंने सबसे बड़ी गलती 14वीं चाल में की, जब उन्होंने सफेद प्यादे पर आक्रमण के लिए अपनी रानी आगे बढ़ाई। इसके बाद उन्होंने सफेद हाथी को भी शिकार बनाया। आनंद ने अपनी रानी को सही जगह पर लाकर गेल्फांद की रानी को फंसाने में देर नहीं लगाई। गेल्फांद समझ गए कि अब उनके लिए कोई रास्ता नहीं बचा है और उन्होंने यहीं पर हार स्वीकार कर ली। इस्राइल के खिलाड़ी गेल्फांद ने बाद में कहा, "मैंने कई चालों के बारे में सोचा था। मैंने गलत अनुमान लगा दिया था।"
                                                                        
                                    
                                आनंद रविवार को अगर रंग में नहीं थे तो सोमवार को सब कुछ उनके अनुकूल हुआ। गेल्फांद समझ ही नहीं पाए कि क्या किया जाए, और केवल एक हाथी के लिए उन्होंने अपनी रानी को गहरे संकट में डाल दिया। गेल्फांद ने यहीं पर हाथ खड़े कर दिए और बाजी केवल 17 चाल में समाप्त हो गई।
यह पिछली कुछ विश्व चैम्पियनशिप में सबसे कम चाल तक चली बाजी है। इस जीत से आनंद ने मुकाबले को 4-4 से बराबरी पर ला दिया। भारतीय खिलाड़ी ने 12 बाजियों के मुकाबले में शानदार वापसी की। उन्हें रविवार को काले मोहरों से हार का सामना करना पड़ा था।
गेल्फांद ने जब किंग्स इंडियन डिफेन्स अपनाया तो हालांकि यह आनंद के लिए चौंकाने वाली चाल थी, लेकिन वह इससे अधिक प्रभावित नहीं हुए। वह पूरी तैयारी के साथ उतरे थे। गेल्फांद के लिए हैरान होने का समय सातवीं चाल में आया, जब आनंद ने एक तरफ से आक्रमण करना शुरू किया। गेल्फांद ने जवाब देने की पूरी कोशिश की, लेकिन आनंद ने उन्हें जाल में फंसा दिया।
गेल्फांद ने मिडिल गेम को जटिल बनाने की कोशिश की। आनंद ने 12वीं चाल में अपने राजा के सामने के प्यादे को आगे करके काले घोड़े को पीछे जाने के लिए मजबूर किया। गेल्फांद ने यहां पर सकारात्मक रवैया अपनाने के बजाए धर्य खो दिया, और उन्होंने सबसे बड़ी गलती 14वीं चाल में की, जब उन्होंने सफेद प्यादे पर आक्रमण के लिए अपनी रानी आगे बढ़ाई। इसके बाद उन्होंने सफेद हाथी को भी शिकार बनाया। आनंद ने अपनी रानी को सही जगह पर लाकर गेल्फांद की रानी को फंसाने में देर नहीं लगाई। गेल्फांद समझ गए कि अब उनके लिए कोई रास्ता नहीं बचा है और उन्होंने यहीं पर हार स्वीकार कर ली। इस्राइल के खिलाड़ी गेल्फांद ने बाद में कहा, "मैंने कई चालों के बारे में सोचा था। मैंने गलत अनुमान लगा दिया था।"
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                                        Viswanathan Anand, World Chess Championship, Boris Gelfand, विश्वनाथन आनंद, बोरिस गेल्फांद, विश्व शतरंज चैम्पियनशिप