विधेयक के नए स्वरूप के तहत अब खिलाड़ियों को अपने ठिकानों की विस्तार से जानकारी नहीं देने की छूट मिली है।
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नई दिल्ली:
खेल मंत्रालय ने सोमवार को अपने विवादित राष्ट्रीय खेल विकास विधेयक को नए रूप में पेश किया। इसमें सभी खेल महासंघों को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में रखा गया है जबकि खेल संघों के अधिकारियों के कार्यकाल और उम्र सीमा को लेकर कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। विधेयक के नए स्वरूप के तहत अब खिलाड़ियों को अपने ठिकानों की विस्तार से जानकारी नहीं देने की छूट मिली है जबकि तमाम विरोध के बावजूद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सहित राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएफएस) के सभी सम्बद्ध संस्थानों को आरटीआई के दायरे में रखा गया है। बीसीसीआई ने यह कहते हुए खुद को आरटीआई के दायरे में शामिल करने का विरोध किया था कि उसे सरकार से कोई मदद नहीं मिलती और वह एक स्वायत्त संस्था है। एनएसएफ को विधेयक के नए स्वरूप पर अपना विचार रखने के लिए 14 दिनों का समय दिया गया है। विधेयक का नया स्वरूप जारी करते हुए खेल मंत्री अजय माकन ने कहा कि नए स्वरूप में खेल संघों को नियंत्रित करने सम्बंधी नियम को हटा दिया गया है। माकन के मुताबिक उन्हें लगता है कि अब उनके इस विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी। विधेयक के पिछले स्वरूप को सरकार में शामिल एनएसएफ के प्रमुखों ने नकार दिया था।
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खेल विधेयक, बीसीसीआई, खेल संघ, आरटीआई