तेंदुलकर ने आज के दिन को अपनी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दिन बताया, क्योंकि उनके गुरु ने उनके नए घर में आकर उन्हें आशीर्वाद दिया।
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New Delhi:
गुरु शिष्य की परम्परा भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है, लेकिन समय के साथ-साथ देश के इस गहरे रिश्तों की यह परम्परा कम होती जा रही है। लेकिन अभी भी कुछ लोग हैं जो इस रिवायत को निभा रहे हैं, जिसमें भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी शामिल हैं। क्रिकेट में रन मशीन माने जाने वाले तेंदुलकर ने आज के दिन को अपनी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दिन बताया, क्योंकि उनके गुरु ने उनके नए घर में आकर उन्हें आशीर्वाद दिया। सचिन ने आज ट्विटर पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा, मेरे जीवन में आज का दिन सबसे ज्यादा खुशी का है। मेरे कोच अचरेकर सर मेरे नए घर आए और अपनी मौजूदगी से आशीर्वाद दिया।
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