रोहन बोपन्ना (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत की टॉप रैंकिंग वाले पुरुष टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने भारतीय टेनिस संघ को खत लिखकर लिएंडर पेस के साथ रियो ओलिंपिक में डबल्स मुकाबले न खेलने की इच्छा जाहिर की है। रोहन फिलहाल डबल्स रैंकिंग में 10वें पायदान पर हैं और रियो के लिए उन्हें सीधी एंट्री प्राप्त है। उनके बाद लिएंडर पेस ही रैंकिंग के लिहाज से भारत की तरफ से दूसरे सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं।
साकेत का नाम सुझाया
पेस की रैंकिंग 46 है, लेकिन रोहन ने उनके बजाय साकेत मैननी का नाम सुझाया है, जिनकी रैंकिंग 125 है। भारतीय टेनिस संघ को रोहन के जोड़ीदार पर 11 जून को फ़ैसला करना है। लिएंडर पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि वह 7वां ओलिंपिक खेल कर रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं।
पहले भी हो चुका है विवाद
गौरतलब है कि इससे पहले भी 2012 लंदन ओलिंपिक में इस तरह का विवाद पेस के नाम हो चुका है। तब भी बोपन्ना और भूपति ने पेस के साथ पेयर बनाने से इंकार कर दिया था। उस वक्त भूपति और रोहन बोपन्ना ने अपनी अलग टीम बनाई थी। उस वक्त पेस ने विष्णुवर्धन के साथ जोड़ी बनाकर लंदन ओलिंपिक्स में खेला था और यह जोड़ी टूर्नामेंट के दूसरे राउंड में ही बाहर हो गई थी। साथ ही टेनिस संघ ने लिएंडर पेस और सानिया को जोड़ीदार बनाकर मिक्स्ड डबल्स के लिए चुना था। कोई पदक नहीं आया था, लेकिन सानिया इस फ़ैसले से बेहद नाराज़ हुईं थीं कि इस पूरे विवाद में उन्हें जबरदस्ती इस्तेमाल किया गया।
साकेत का नाम सुझाया
पेस की रैंकिंग 46 है, लेकिन रोहन ने उनके बजाय साकेत मैननी का नाम सुझाया है, जिनकी रैंकिंग 125 है। भारतीय टेनिस संघ को रोहन के जोड़ीदार पर 11 जून को फ़ैसला करना है। लिएंडर पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि वह 7वां ओलिंपिक खेल कर रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं।
पहले भी हो चुका है विवाद
गौरतलब है कि इससे पहले भी 2012 लंदन ओलिंपिक में इस तरह का विवाद पेस के नाम हो चुका है। तब भी बोपन्ना और भूपति ने पेस के साथ पेयर बनाने से इंकार कर दिया था। उस वक्त भूपति और रोहन बोपन्ना ने अपनी अलग टीम बनाई थी। उस वक्त पेस ने विष्णुवर्धन के साथ जोड़ी बनाकर लंदन ओलिंपिक्स में खेला था और यह जोड़ी टूर्नामेंट के दूसरे राउंड में ही बाहर हो गई थी। साथ ही टेनिस संघ ने लिएंडर पेस और सानिया को जोड़ीदार बनाकर मिक्स्ड डबल्स के लिए चुना था। कोई पदक नहीं आया था, लेकिन सानिया इस फ़ैसले से बेहद नाराज़ हुईं थीं कि इस पूरे विवाद में उन्हें जबरदस्ती इस्तेमाल किया गया।
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