विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने कहा कि कई मुश्किल परिस्थितियों में केवल प्रतिभा से ही काम नहीं चलता और बड़े टूर्नामेंट जीतने के लिये कभी भाग्य की भी जरूरत पड़ती है।
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नई दिल्ली:
विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने कहा कि कई मुश्किल परिस्थितियों में केवल प्रतिभा से ही काम नहीं चलता और बड़े टूर्नामेंट जीतने के लिये कभी भाग्य की भी जरूरत पड़ती है।
आनंद ने कहा कि कई बार विषम परिस्थितियों में वह अपने सहज ज्ञान और अनुभव के आधार पर चाल चलते हैं और वह जीत दिला देती है। उन्होंने एनआईआईटी के सम्मान समारोह में कहा, ‘कई बार कोई छोटी चाल भी बड़ी बन जाती है। कई परिस्थितियों में मेरा सहज ज्ञान और अनुमान सही हो जाता है। लेकिन यह मनोवैज्ञानिक कार्यों के नियमित अभ्यास पर निर्भर करता है। ’
आनंद ने 2000 में अलेक्सांद्र खालिफमैन के खिलाफ मैच का जिक्र करते हुए कहा, कई बार ऐसे टूर्नामेंट में भी जबकि आप अपनी सर्वश्रेष्ठ शतरंज खेल रहे हो तब भी आपको ईश्वर की मदद की जरूरत पड़ती है। आपको थोड़ा भाग्य की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, कई बार आपको जरूरत पड़ती है कि कुछ आपके पक्ष में हो जाए। तब आपको लगता है कि केवल प्रतिभा ही सब कुछ नहीं है लेकिन यह ऐसा नहीं है जो अक्सर होता है।
आनंद ने कहा कि कई बार विषम परिस्थितियों में वह अपने सहज ज्ञान और अनुभव के आधार पर चाल चलते हैं और वह जीत दिला देती है। उन्होंने एनआईआईटी के सम्मान समारोह में कहा, ‘कई बार कोई छोटी चाल भी बड़ी बन जाती है। कई परिस्थितियों में मेरा सहज ज्ञान और अनुमान सही हो जाता है। लेकिन यह मनोवैज्ञानिक कार्यों के नियमित अभ्यास पर निर्भर करता है। ’
आनंद ने 2000 में अलेक्सांद्र खालिफमैन के खिलाफ मैच का जिक्र करते हुए कहा, कई बार ऐसे टूर्नामेंट में भी जबकि आप अपनी सर्वश्रेष्ठ शतरंज खेल रहे हो तब भी आपको ईश्वर की मदद की जरूरत पड़ती है। आपको थोड़ा भाग्य की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, कई बार आपको जरूरत पड़ती है कि कुछ आपके पक्ष में हो जाए। तब आपको लगता है कि केवल प्रतिभा ही सब कुछ नहीं है लेकिन यह ऐसा नहीं है जो अक्सर होता है।
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