सुरेश कलमाड़ी का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
एक बड़े फैसले के तहत मंगलवार को सुरेश कलमाड़ी को भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) का आजीवन संरक्षक बनाया गया है. वहीं, अभय सिंह चौटाला को संघ का अध्यक्ष नामित किया गया. चेन्नई में भारतीय ओलिंपिक संघ की मंगलवार को हुई वार्षिक आम बैठक में आम राय से यह फैसला लिया गया.
भारतीय ओलिंपिक संघ की वेबसाइट के मुताबिक, कलमाड़ी और चौटाला से पहले केवल विजय कुमार मल्होत्रा को ही आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था. वह 2011 और 2012 में आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे थे.
1996 से 2011 तक आईओए के अध्यक्ष रहे कलमाड़ी को 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में दस महीने की जेल भी हुई थी, लेकिन बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए.
वहीं, खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि यह गंभीर मामला है. मैं इस मामले को देखूंगा. यह अस्वीकार्य है, क्योंकि वे दोनों भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि खेल मंत्रालय ने आईअोए से इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की समीक्षा की जाएगी और जरूरी कार्रवाई भी की जाएगी. हमारी सरकार खेलों में सुशासन और पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है. गोयल ने अपने आवास पर आनन फानन में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'सच्चाई यह है कि जब चौटाला और ललित भनोट आईओए का पदाधिकारी चुने गये थे तब आईओसी ने उन्हें निलंबित कर दिया था और इन दोनों को हटाने के बाद ही निलंबन हटाया गया'.
इस बीच आईओए उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा कि आईओए को आजीवन अध्यक्ष बनाने के लिए किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है और आज का फैसला आम सभा में सर्वसम्मति से लिया गया. तरलोचन ने कहा, 'आईओए आम सभा को किसी व्यक्ति को आजीवन अध्यक्ष या संरक्षक बनाने के लिए किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है. यह आईओए के अधिकार क्षेत्र में आता है. इसके अलावा सभी पूर्व अध्यक्षों को आजीवन अध्यक्ष या संरक्षक बनाया गया है'.
पुणे में जन्में 72 वर्षीय कलमाड़ी कांग्रेस के पूर्व सांसद भी है. वह 2000 से 2013 तक एशियाई एथलेटिक्स संघ के भी अध्यक्ष रहे थे. उन्हें पिछले साल ही एशियाई एथलेटिक्स संघ का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था. वह अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) के भी 2001 से 2013 तक सदस्य रहे.
अभय चौटाला दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए अध्यक्ष रहे. उस समय अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने चुनावों में आईओए को निलंबित कर रखा था, क्योंकि उसने चुनावों में ऐसे उम्मीद्वार उतारे थे, जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल थे. आईओए अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव को आईओसी ने रद्द कर दिया था. आईओए संविधान में संशोधन करने के बाद ही आईओसी ने फरवरी 2014 में निलंबन हटाया था.
चौटाला को मुक्केबाजी की पूर्ववर्ती संस्था भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ का भी अध्यक्ष चुना गया था, जिसकी विश्व संस्था एआईबीए ने 2013 में मान्यता रद्द कर दी थी. हाल में उन्हें हरियाणा ओलिंपिक संघ का अध्यक्ष चुना गया और रिपोर्टों के अनुसार उनके इस गुट को आईओए ने मान्यता दे दी है. (इनपुट भाषा से भी)
भारतीय ओलिंपिक संघ की वेबसाइट के मुताबिक, कलमाड़ी और चौटाला से पहले केवल विजय कुमार मल्होत्रा को ही आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था. वह 2011 और 2012 में आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे थे.
1996 से 2011 तक आईओए के अध्यक्ष रहे कलमाड़ी को 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में दस महीने की जेल भी हुई थी, लेकिन बाद में वे जमानत पर रिहा हो गए.
वहीं, खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि यह गंभीर मामला है. मैं इस मामले को देखूंगा. यह अस्वीकार्य है, क्योंकि वे दोनों भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि खेल मंत्रालय ने आईअोए से इस बाबत विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की समीक्षा की जाएगी और जरूरी कार्रवाई भी की जाएगी. हमारी सरकार खेलों में सुशासन और पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है. गोयल ने अपने आवास पर आनन फानन में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'सच्चाई यह है कि जब चौटाला और ललित भनोट आईओए का पदाधिकारी चुने गये थे तब आईओसी ने उन्हें निलंबित कर दिया था और इन दोनों को हटाने के बाद ही निलंबन हटाया गया'.
इस बीच आईओए उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह ने कहा कि आईओए को आजीवन अध्यक्ष बनाने के लिए किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है और आज का फैसला आम सभा में सर्वसम्मति से लिया गया. तरलोचन ने कहा, 'आईओए आम सभा को किसी व्यक्ति को आजीवन अध्यक्ष या संरक्षक बनाने के लिए किसी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है. यह आईओए के अधिकार क्षेत्र में आता है. इसके अलावा सभी पूर्व अध्यक्षों को आजीवन अध्यक्ष या संरक्षक बनाया गया है'.
पुणे में जन्में 72 वर्षीय कलमाड़ी कांग्रेस के पूर्व सांसद भी है. वह 2000 से 2013 तक एशियाई एथलेटिक्स संघ के भी अध्यक्ष रहे थे. उन्हें पिछले साल ही एशियाई एथलेटिक्स संघ का आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था. वह अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) के भी 2001 से 2013 तक सदस्य रहे.
अभय चौटाला दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए अध्यक्ष रहे. उस समय अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने चुनावों में आईओए को निलंबित कर रखा था, क्योंकि उसने चुनावों में ऐसे उम्मीद्वार उतारे थे, जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल थे. आईओए अध्यक्ष के रूप में उनके चुनाव को आईओसी ने रद्द कर दिया था. आईओए संविधान में संशोधन करने के बाद ही आईओसी ने फरवरी 2014 में निलंबन हटाया था.
चौटाला को मुक्केबाजी की पूर्ववर्ती संस्था भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ का भी अध्यक्ष चुना गया था, जिसकी विश्व संस्था एआईबीए ने 2013 में मान्यता रद्द कर दी थी. हाल में उन्हें हरियाणा ओलिंपिक संघ का अध्यक्ष चुना गया और रिपोर्टों के अनुसार उनके इस गुट को आईओए ने मान्यता दे दी है. (इनपुट भाषा से भी)
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