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This Article is From Aug 31, 2011

अधिक जवाबदेह बने बीसीसीआई : खेलमंत्री

खेल मंत्री अजय माकन ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक का इरादा खेल संघों को अधिक पारदर्शी और प्रभावशाली बनाना है।
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नई दिल्ली: कैबिनेट से प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल विधेयक को मंजूरी नहीं मिलने के एक दिन बाद खेल मंत्री अजय माकन ने बुधवार को बीसीसीआई पर पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड को अपने कामकाज में अधिक जवाबदेह होने की जरूरत है। माकन ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक का इरादा खेल संघों को अधिक पारदर्शी और प्रभावशाली बनाना है और वह किसी भी तरह से इन राष्ट्रीय खेल महासंघों पर नियंत्रण करने का प्रयास नहीं कर रहा है। माकन ने यहां पत्रकारों से कहा, कल कैबिनेट की बैठक में जो कुछ हुआ उस बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूं। मैं केवल खेल मंत्रालय और अपने पक्ष को दोहरा रहा हूं। हम खेल महासंघों या खेल संस्थाओं पर नियंत्रण करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यहां तक कि हमारा इन खेल संस्थाओं के प्रबंधन में किसी भी तरह से अपना प्रतिनिधित्व रखने का इरादा नहीं है। हम उन्हें निर्देशित नहीं करना चाहते हैं चाहे वे अजय माकन या किसी अन्य सांसद या मंत्री को अपने एक सदस्य के रूप ही क्यों न रखना चाहते हों। माकन ने कहा कि क्रिकेट प्रशासकों ने जिस तरह से विधेयक का विरोध किया उससे उन्हें काफी निराशा हुई। उन्होंने कहा कि अधिक जवाबदेही के लिए खेल महासंघों को सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के अंतर्गत लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए लोग यह जानना चाहेंगे कि बीसीसीआई ने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम या धर्मशाला का मैदान कितने में खरीदा। माकन ने कहा, बीसीसीआई को साफ करना चाहिए कि कौन से प्रावधान घुसपैठ करने वाले हैं और कौने से ऐसे उपबंध है जिनसे सरकार का नियंत्रण हो जाएगा। हम इन सभी हटा देंगे लेकिन उन्हें कार्यकारी बोर्ड में खिलाड़ियों की 25 प्रतिशत भागीदारी और आरटीआई का विरोध नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, दूसरा, उन्हें आयु सीमा तय करने की बात माननी चाहिए। नौकरशाही में हमारे यहां सेवानिवृति की उम्र 60 साल, न्यायपालिका में 65 और अन्य में 62-63 साल है और हमने खेल महासंघों में अधिकतम आयु सीमा 70 वर्ष रखी है। माकन ने कहा कि प्रशासन में खिलाड़ियों की मौजूदगी पारदर्शिता की तरफ उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा, हम कह रहे हैं कि कार्यकारी बोर्ड में 25 प्रतिशत उसी खेल से जुड़े खिलाड़ी होने चाहिए। हम यह नहीं कह रहे हैं कि 25 प्रतिशत पदाधिकारियों को सरकार नियुक्त करेगी। हम कह रहे हैं जो खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर खेला हो उसे भी कार्यकारी बोर्ड में चुना जाना चाहिए। माकन ने कहा, हम खिलाड़ियों को अधिक ताकत देना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि अपने खातों और संपूर्ण प्रक्रिया में वे पारदर्शी बने। हम चाहते हैं कि वे भारतीय नागरिकों के प्रति जवाबदेह बने क्योंकि आखिर में वे भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिये टीमें भेजते हैं। कैबिनेट ने कल खेल विधेयक नामंजूर कर दिया था। कैबिनेट में शामिल मंत्रियों जैसे आईसीसी अध्यक्ष शरद पवार, मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष विलासराव देशमुख तथा जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट संघ के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने इसका विरोध किया था। इन मंत्रियों का मानना था कि यह विधेयक खेलों के विकास के बजाय नियंत्रण बनाने के लिए है। उन्होंने आयु और कार्यकाल संबंधी नियमों पर भी आपत्ति जतायी थी।

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बीसीसीआई, अजय माकन, खेल, BCCI, Ajay Maken
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