चलती रेलगाड़ी से नीचे फेंके जाने के कारण एक पांव गंवाने वाली पूर्व राष्ट्रीय महिला वालीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा पर्वतारोहण में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कृत्रिम अंगों के सहारे माउंट चामसेर कांगरी में 21,110 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने में सफल रही।
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जमशेदपुर:
चलती रेलगाड़ी से नीचे फेंके जाने के कारण एक पांव गंवाने वाली पूर्व राष्ट्रीय महिला वालीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा पर्वतारोहण में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कृत्रिम अंगों के सहारे माउंट चामसेर कांगरी में 21,110 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने में सफल रही।
चामसेर कांगरी की कुल ऊंचाई 21,798 फीट है। टीसैफ टीम की सदस्या अरुणिमा चार सितंबर को 21,110 फीट तक ही पहुंच पाई और खराब मौसम के कारण उन्हें 690 फीट पहले ही वापस लौटना पड़ा।
टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की प्रमुख बछेंद्री पाल ने यह जानकारी दी। टीम के तीन सदस्य इस साल के शुरू में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले राजेंद्र सिंह पाल, सुसेन महतो और मधुमिता महतो थे जो एक सितंबर को इस चोटी पर चढ़ने में सफल रहे थे।
दूसरी टीम के पांच सदस्य प्रतीम भौमिक, हेमंत गुप्ता, आशु सिंह, विमल कुमार, रोहित कुमार सोरेन और अरुणिमा सिन्हा 21,110 फीट तक पहुंच गए थे लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। बछेंद्री पाल ने अरुणिमा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘उसका कभी हार नहीं मानने का रवैया साफ दिखाता है कि वह हमेशा आगे बढ़ना चाहती है।’
अरुणिमा ने कहा कि उनका सपना माउंट एवरेस्ट फतह करना है। उन्होंने कहा, ‘मैं कड़ा अभ्यास कर रही हूं। मुझे सफलता का पूरा विश्वास है। संभवत: अगले साल।’
चामसेर कांगरी की कुल ऊंचाई 21,798 फीट है। टीसैफ टीम की सदस्या अरुणिमा चार सितंबर को 21,110 फीट तक ही पहुंच पाई और खराब मौसम के कारण उन्हें 690 फीट पहले ही वापस लौटना पड़ा।
टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की प्रमुख बछेंद्री पाल ने यह जानकारी दी। टीम के तीन सदस्य इस साल के शुरू में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले राजेंद्र सिंह पाल, सुसेन महतो और मधुमिता महतो थे जो एक सितंबर को इस चोटी पर चढ़ने में सफल रहे थे।
दूसरी टीम के पांच सदस्य प्रतीम भौमिक, हेमंत गुप्ता, आशु सिंह, विमल कुमार, रोहित कुमार सोरेन और अरुणिमा सिन्हा 21,110 फीट तक पहुंच गए थे लेकिन खराब मौसम के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। बछेंद्री पाल ने अरुणिमा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘उसका कभी हार नहीं मानने का रवैया साफ दिखाता है कि वह हमेशा आगे बढ़ना चाहती है।’
अरुणिमा ने कहा कि उनका सपना माउंट एवरेस्ट फतह करना है। उन्होंने कहा, ‘मैं कड़ा अभ्यास कर रही हूं। मुझे सफलता का पूरा विश्वास है। संभवत: अगले साल।’
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