 
                                            प्रतीकात्मक तस्वीर
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                चेन्नई: 
                                        जल्लीकट्टू खूनी खेल हो गया है. तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर जल्लीकट्टू या सांड को काबू करने के पारंपरिक खेल के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यहां से 500 किलोमीटर दूर शिवगंगा जिले के एक गांव में एक सांड के हमले में दो लोगों की मौत हो गई. हमले में लगभग 50 लोग घायल हुए हैं.
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इसी क्रम में यहां से 350 किलोमीटर दूर त्रिची जिले में जल्लीकट्ट के दौरान एक सांड़ के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इस बीच, मदुरै जिले के अलंगनल्लूर में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने संयुक्त रूप से जल्लीकट्टू को हरी झंडी दिखाई.
इस आयोजन में लगभग 1000 सांडों और साड़ों को काबू करने के लिए 1,200 लोगों ने भाग लिया. जल्लीकट्टू तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है, जो पोंगल उत्सव का हिस्सा है. खेल जीतने वाले को और बेतरतीब बैल के मालिकों को नकद पुरस्कार, उपभोक्ता टिकाऊं वस्तुएं, दोपहिया वाहन और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है.
यह भी पढ़ें - जल्लीकट्टू में इस्तेमाल किए गए सांड का हुआ ऑपरेशन, पेट से निकली हैरान कर देने वाली चीजें
इस वर्ष अलंगनल्लूर के आयोजन में पुरस्कारों की सूची में दो कारें भी रखी गई हैं. इस बार का पहला 'जल्लीकट्टू' कार्यक्रम 14 जनवरी को मदुरै में आयोजित किया गया.
VIDEO: जल्लीकट्टू की तर्ज पर कर्नाटक में 'कंबला' की मांग तेज (इनपुट :IANS)
                                                                        
                                    
                                यह भी पढ़ें - तमिलनाडु : मदुरै जिले में जल्लीकट्टू के दौरान एक युवक की मौत
इसी क्रम में यहां से 350 किलोमीटर दूर त्रिची जिले में जल्लीकट्ट के दौरान एक सांड़ के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इस बीच, मदुरै जिले के अलंगनल्लूर में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने संयुक्त रूप से जल्लीकट्टू को हरी झंडी दिखाई.
इस आयोजन में लगभग 1000 सांडों और साड़ों को काबू करने के लिए 1,200 लोगों ने भाग लिया. जल्लीकट्टू तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है, जो पोंगल उत्सव का हिस्सा है. खेल जीतने वाले को और बेतरतीब बैल के मालिकों को नकद पुरस्कार, उपभोक्ता टिकाऊं वस्तुएं, दोपहिया वाहन और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है.
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इस वर्ष अलंगनल्लूर के आयोजन में पुरस्कारों की सूची में दो कारें भी रखी गई हैं. इस बार का पहला 'जल्लीकट्टू' कार्यक्रम 14 जनवरी को मदुरै में आयोजित किया गया.
VIDEO: जल्लीकट्टू की तर्ज पर कर्नाटक में 'कंबला' की मांग तेज (इनपुट :IANS)
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