'वंशवादी गृहयुद्ध' को लेकर लालू प्रसाद यादव और राकेश सिन्हा के बीच छिड़ी जंग

'वंशवादी गृहयुद्ध' को लेकर लालू प्रसाद यादव और राकेश सिन्हा के बीच छिड़ी जंग

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रही तनातनी चौतरफा बहस का मुद्दा बनी हुई है, जबकि समाजवादी पार्टी के भीतर उसकी कमान कौन संभालेगा, इसे लेकर जंग छिड़ी है. मुलायम सिंह यादव खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मान रहे हैं, तो अखिलेश भी खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर चुके हैं.

उधर, समाजवादी पार्टी नेताओं में छिड़ी जंग के साथ ही माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर भी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक राकेश सिन्हा के बीच भी 'वाकयुद्ध' शुरू हो गया है. दरअसल, बात यह थी कि राकेश सिन्हा ने एक ट्वीट में लालू प्रसाद यादव को टैग करते हुए लिखा, "लालू का परिवार भी इस बात को साबित करने को लेकर वंशवादी गृहयुद्ध के लिए उबल रहा है कि लालू के बाद उत्तराधिकारी कौन होगा..."
 


इस पर राकेश सिन्हा के ट्वीट का दो-टूक जवाब देते हुए आरजेडी प्रमुख ने लिखा, "तू कौन? खामखां..." इसके अलावा लालू ने यह भी लिखा, "देश का वंचित, उपेक्षित व बहुजन हमारी रगों का खून है... गोलवलकर के जातिवादी सामंतवाद के वंशजों को हम खत्म कर ही दम लेंगे..."
 
इसके बाद भी 'जंग' खत्म नहीं हुई, और राकेश सिन्हा ने फिर लिखा कि हमें आपके दलितों और वंचितों के लिए लड़ने के दावे पर कोई आपत्ति नहीं, लेकिन यह वंशवाद के आधार पर नहीं हो सकता. उन्होंने लालू से सवाल भी किया कि उन्होंने अपने ही ज़मीनी समर्थकों को पार्टी में आगे क्यों नहीं बढ़ाया.
 
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव और राकेश सिन्हा इससे पहले भी ट्विटर पर भिड़ चुके हैं. पिछले साल सितंबर में लालू ने लिखा था, "RSS एक घोर जातिवादी एवं सवर्ण पुरुषवादी संगठन है. आरएसएस देश के 80 फीसदी पिछड़ों एवं दलितों को ठगने का काम करता है. RSS एवं अफवाह व झूठ की उस्ताद पार्टी बीजेपी पिछड़ों एवं दलितों का आरक्षण खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं. लालू ने उस वक्त यह सवाल भी उठाया था कि कोई महिला आज तक संघ प्रमुख क्यों नहीं बनाई गई, या गैर-ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को संघ प्रमुख क्यों नही बनाया जाता.

इसका जवाब देते हुए राकेश सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा था, "लालू प्रसाद यादव ने भ्रष्टाचार का प्रतिमान बनाया, कुशासन का प्रतीक बन गए, जंगलराज का पर्याय बन गए. RSS पर सवाल कर क्यों अपनी हंसी उड़वा रहे हैं...?"

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