लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड ) अनिल चौहान ने आज सीडीएस पद की कमान संभाल ली है. जनरल बिपिन रावत के बाद वह दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होंगे. पिछले साल दिसंबर में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल रावत का निधन हो गया था. सेना के तीनों अंगों में बेहतर सामंजस्य और थियेटर कमांड बनाना भी उनके सामने अहम चुनौती होगी.
5 बड़ी बातें
लेफ्टिनेंट जनरल चौहान पिछले साल ही सेना से लगभग 40 साल की सेवा के बाद रिटायर हुए थे. उन्हें जम्मू-कश्मीर से लेकर उत्तर पूर्वी राज्यों में ऑपरेशन का अच्छा खासा अनुभव है.
18 मई 1961 में जन्मे जनरल चौहान सेना के गोरखा राइफल्स में 1981 में भर्ती हुए. जनरल रावत की तरह वह भी उत्तराखंड के रहने वाले हैं.
इसी साल जून ने सीडीएस की नियुक्ति को लेकर नियमों में बदलाव भी किया. नए नियम के तहत लेफ्टिनेंट जनरल रैक अधिकारी चाहे वो सेवारत हो या सेवानिवृत्त हो जिनकी उम्र 62 साल से कम हो उनको इस पद के योग्य माना गया. पहले जनरल रैंक के अधिकारी को ही इस पद के योग्य माना गया था.
पुलवामा हमले के बाद सेना ने जो जैश के आतंकी कैम्प बालाकोट पर हमला किया था. उस वक्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान सेना में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी कि डीजीएमओ के पद पर थे.
इसके अलावा उनकी चीन को लेकर भी अच्छी समझ है, क्योंकि वह ईस्टर्न आर्मी कमांडर भी रह चुके हैं. नए सीडीएस के सामने सबसे बड़ी चुनौती पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी पर करीब दो साल से चल रही तनाव से निपटना है.