वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों के परिणामों से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के राजनीतिक परिदृश्य का अनुमान लगने की उम्मीद है.2023 में कम से कम नौ राज्यों में चुनाव होंगे.इन राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस के बीच टक्कर होगी.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
पूर्वोत्तर के राज्यों में चुनाव: फरवरी-मार्च 2023 में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों - मेघालय, त्रिपुरा और नगालैंड में चुनाव होंगे. नवंबर तक मिजोरम में भी चुनाव होने की उम्मीद है. बीजेपी स्थानीय सहयोगी आईपीएफटी (IPFT) के साथ त्रिपुरा में सत्ता में है और नगालैंड व मेघालय में वह क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ जूनियर पार्टनर है. मिजोरम में मुकाबला कांग्रेस और सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट के बीच है. बीजेपी का खास ध्यान त्रिपुरा पर होगा, जहां बीजेपी ने 2018 में पहली बार जीत हासिल की थी. हालांकि अब बीजेपी को यहां पार्टी में बड़े पैमाने पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है.
कर्नाटक: दक्षिण भारत में बीजेपी के एकमात्र गढ़ कर्नाटक में मई 2023 में चुनाव होगा. चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच होगा. चुनाव में दक्षिणी कर्नाटक के कुछ हिस्सों में जनता दल (सेक्युलर) अपनी दमदार मौजूदगी दिखा सकता है. साल 2019 में जेडीएस के साथ गठबंधन खत्म होने के साथ सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस अब सत्ता में वापसी का लक्ष्य रखेगी. दूसरी ओर बीजेपी को सत्ता बनाए रखने के लिए पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष और बगावत से जूझना होगा.
तेलंगाना: भारत के सबसे युवा राज्य तेलंगाना में एक नई पार्टी कांग्रेस और बीजेपी को टक्कर देगी. नई पार्टी भारत राष्ट्र समिति है, जिसका नाम पूर्व में टीआरएस था. के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली यह पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में एक बड़ी राष्ट्रीय भूमिका निभाने का लक्ष्य बना रही है. नवंबर-दिसंबर 2023 में होने वाला विधानसभा चुनाव में इसका एक लिटमस टेस्ट होगा.
मध्य प्रदेश: नवंबर-दिसंबर 2023 में मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा. साल 2023 की चुनावी लड़ाई कांग्रेस में बगावत के संकट के लगभग चार साल बाद होगी.चार साल पहले कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.बागियों ने बाद में बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान को सत्ता में वापस लाने में मदद की. भारत के इस दूसरे सबसे बड़े राज्य में कांग्रेस के लिए जीत लोकसभा चुनाव से पहले मनोबल बढ़ाने या गिराने वाली हो सकती है.
कांग्रेस-बीजेपी द्वंद्वयुद्ध: कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल करने का लक्ष्य बनाएगी. इन दोनों राज्यों में सत्ता बरकरार रखने पर 2024 के आम चुनावों को लेकर इस पुरानी पार्टी की उम्मीदें बढ़ सकती हैं. इससे बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की मजबूती को भी बल मिलने की संभावना है. राजस्थान में अशोक गहलोत-सचिन पायलट के बीच चले संग्राम के कारण यहां के चुनावों पर देश का खास ध्यान रहने की उम्मीद है.