भरतपुर: भरतपुर के एक युवक तेजवीर सिंह ने ग्रेजुएशन के साथ एनिमल हसबेंडरी बिटनरी में डिप्लोमा किया हुआ है और वह खेती के जरिए लाखों रुपये कमा रहा है. तेजवीर सिंह के पिता प्रेम सिंह की करीब 5 वर्ष पहले ब्लड कैंसर की वजह से मौत हो गई थी, जिसके बाद परिवार के लालन पोषण की जिम्मेदारी तेजवीर सिंह के ऊपर आ गई. फिर उन्होंने खेती करना शुरू कर दिया.
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कैसे आया खेती का आइडिया
पिता की मौत के बाद तेजवीर सिंह ने अपने खेत में कई तरह की फसल बोई, जिनमें मुनाफा कम था. फिर तेजवीर सिंह ने इंटरनेट पर खेती के बारे में काफी रिसर्च की, जिससे इनकम को बढ़ाया जा सके. काफी रिसर्च के बाद उन्होंने पपीते की खेती करने का फैसला किया. तेजवीर सिंह को पता चला कि इस खेती को करने में मुनाफा ज्यादा है और इसकी मांग भी ज्यादा है और यह स्थानीय मंडियों में ये बाहर से आता है. तभी तेजवीर ने सोचा कि वह अपने खेतों में इसकी पौध से लगने वाले पपीता की बिक्री करेगा और लाखों रुपये की कमाई करेगा.
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जयपुर से लाया पौध
फिर युवा किसान तेजवीर ने रेड लेडी नाम से 1500 पेड़ लगाकर बागवानी शुरू की और हाइब्रिड पपीता की पौध उसने 9 महीने पहले ही लगाई है. पपीता की एक पौध 50 किलो का फल देती है. 1500 पौध से करीब 15000 किलो फल होता है जो बाजार में 20 रुपये किलो के हिसाब से बिकता है. जिससे 15- 20 लाख रुपये की कमाई हो जाती है, जिसमें 4 लाख रुपये का खर्च आता है.
युवा किसान तेजवीर ने बताया कि वह ताइवान हाइब्रिड पपीता जयपुर से लेकर आया था और अपने खेतों में उसकी पौध लगा दी, जिसके बाद अब पपीता के पौधे बड़े हो गए हैं और उन पर फल आना शुरू हो गए हैं, जो कि बाजार में बिक रहे हैं, जिससे लाखो रुपये की कमाई हो रही है.
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युवा किसान की किसानों से अपील
तेजवीर ने लोगों से कहा कि वो परंपरागत खेती को छोड़ उधानी की तरफ जाएं, जिससे किसान की आय दुगनी चौगनी हो और किसान सम्रद्ध शक्तिशाली बनें.
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