पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जोर देते हुए कहा कि पंजाब की झांकी को "रिजेक्टेड कैटेगरी" में प्रदर्शित नहीं किया जाएगा. भगवंत मान ने कहा है कि राज्य की झांकी जिसे गणतंत्र दिवस परेड के लिए नहीं चुना गया, उसे लाल किले में भारत पर्व पर भी प्रदर्शित नहीं किया जाएगा. दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब की झांकी को जगह नहीं दिए जाने पर उपजे राजनीतिक विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर 23 से 31 जनवरी तक भारत पर्व के दौरान इसे प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया था.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में भगवंत मान ने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव, लाला लाजपत राय, उधम सिंह और अन्य के बलिदान को "रिजेक्टेड कैटेगरी" में प्रदर्शित नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, "वे हमारे नायक हैं, हम जानते हैं कि उनका सम्मान कैसे करना है."
यह टिप्पणी झांकी को लेकर विवाद में मान की नई तीखी प्रतिक्रिया है. इससे पहले उन्होंने केंद्र पर पंजाब के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया था और कहा था कि 'अगर उनका वश चले तो वे राष्ट्रगान से 'पंजाब' शब्द हटा दें.'
भगवंत मान की टिप्पणी के जवाब में पंजाब के बीजेपी प्रमुख सुनील जाखड़ ने मान पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया था कि पंजाब की झांकी को उसकी 'कच्ची' बनावट के कारण शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार झांकी पर पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल और मान की तस्वीरें चाहती थी. उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार इसकी अनुमति नहीं है और यह झांकी को अस्वीकार करने के कारणों में से एक है.
इस पर मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि अगर राज्य बीजेपी अध्यक्ष अपना आरोप साबित कर दें तो वे राजनीति छोड़ देंगे.
उन्होंने कहा, "जाखड़ को सबूत देना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल या भगवंत मान की तस्वीरें झांकी पर लगानी थीं. क्या वे सोचते हैं कि हम पागल हैं? अगर जाखड़ इसे साबित कर सकते हैं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. और यदि वे यह साबित करने में असफल होते हैं तो फिर उन्हें भी पंजाब में प्रवेश नहीं करना चाहिए.''
मान ने कहा, "क्या अब (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी चुनेंगे कि कौन सी झांकी दिखानी है और कौन सी नहीं."
इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि झांकियों के चयन के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली है. विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों से झांकी के प्रस्ताव मिलते हैं. इनका मूल्यांकन झांकियों के चयन के लिए विशेषज्ञ समिति की बैठकों की एक सीरीज में किया जाता है. इसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, कोरियोग्राफी आदि क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं. विशेषज्ञ समिति अपनी सिफारिशें करने से पहले थीम, अवधारणा, डिजाइन और उसके दृश्य प्रभाव के आधार पर प्रस्तावों की जांच करती है.''
सूत्र ने कहा कि, 2024 के गणतंत्र दिवस के लिए, 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लेने की इच्छा दिखाई है, लेकिन केवल 15-16 प्रविष्टियों का चयन किया जाएगा.
सूत्र ने कहा कि, "पंजाब की झांकी के प्रस्ताव पर विशेषज्ञ समिति की पहले तीन दौर की बैठक में विचार किया गया था. तीसरे दौर की बैठक के बाद पंजाब की झांकी को व्यापक विषयों के अनुरूप नहीं होने के कारण विशेषज्ञ समिति की ओर से उसे इस साल की झांकियों में विचार के लिए आगे नहीं बढ़ाया जा सका."
सूत्र ने यह भी बताया कि पंजाब की झांकी को पिछले आठ वर्षों में छह बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है.
रक्षा मंत्रालय के स्पष्टीकरण के बाद, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मालविंदर सिंह कांग ने कहा कि जाखड़ अब "बेनकाब हो गए हैं."
कांग ने कहा कि, "गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब की झांकी को बाहर करने पर रक्षा मंत्रालय के स्पष्टीकरण से सच्चाई का पता चलता है. केजरीवाल जी और मान साहब की तस्वीरों के कारण अस्वीकृति का आरोप लगाकर पंजाब को गुमराह करने की जाखड़ की कोशिश, अब जवाबदेही की मांग करती है. कथित डिजाइन कहां हैं जिसमें केजरीवाल जी और मान साहब की तस्वीरें शामिल की जा रही हैं, मिस्टर जाखड़?"
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