पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:
पंजाब में किसानों से जुड़े एक मुददे पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपनी बात रखी है. साथ ही उन्होंने अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप भी लगाया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि खेती के ट्यूबवेलों में मीटर लगाने की उनकी सरकार की कोई योजना नहीं है. अमरिंदर ने शिरोमणि अकाली दल द्वारा इस मुद्दे पर फैलाए जा रहे झूठे प्रोपोगेन्डा को खारिज करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में बिजली पर सब्सिडी जारी रहेगी, जिसका वादा उनकी सरकार पहले ही कर चुकी है. अमरिंदर ने एक बयान में कहा, 'सब्सिडी वापस लेने या खेती के ट्यूबवेलों में मीटर लगाने का सवाल ही नहीं उठता.'
पंजाब में किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली मिलती है. यह राज्य देश के खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान करता है, जबकि इसके पास देश के भौगोलिक क्षेत्र का मात्र 1.54 प्रतिशत हिस्सा है. बिजली के बिल का खर्च राज्य सरकार वहन करती है, जो हर साल हजारों करोड़ रुपये होता है.
यह भी पढ़ें : पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान, हिंसा के दोषी पीड़ितों को कोई मुआवजा नहीं
अमरिंदर ने निराधारा बयानों के जरिए लोगों को भ्रमित करने के लिए अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निंदा की. उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के मद्देनजर दिए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'ये पार्टियां अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए झूठ बोलने के लिए कुख्यात हैं. शिअद और भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी तमाम अफवाह फैलाए थे, लेकिन वे पंजाब की जनता को बेवकूफ नहीं बना पाए.'
VIDEO : पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कई बड़े फैसलों को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसान समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और ऋण माफी सहित किसानों के हितों की हिफाजत के लिए कई कदम पहले ही शुरू कर चुकी है.
(इनपुट आईएएनएस से)
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि खेती के ट्यूबवेलों में मीटर लगाने की उनकी सरकार की कोई योजना नहीं है. अमरिंदर ने शिरोमणि अकाली दल द्वारा इस मुद्दे पर फैलाए जा रहे झूठे प्रोपोगेन्डा को खारिज करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में बिजली पर सब्सिडी जारी रहेगी, जिसका वादा उनकी सरकार पहले ही कर चुकी है. अमरिंदर ने एक बयान में कहा, 'सब्सिडी वापस लेने या खेती के ट्यूबवेलों में मीटर लगाने का सवाल ही नहीं उठता.'
पंजाब में किसानों को खेती के लिए मुफ्त बिजली मिलती है. यह राज्य देश के खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान करता है, जबकि इसके पास देश के भौगोलिक क्षेत्र का मात्र 1.54 प्रतिशत हिस्सा है. बिजली के बिल का खर्च राज्य सरकार वहन करती है, जो हर साल हजारों करोड़ रुपये होता है.
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अमरिंदर ने निराधारा बयानों के जरिए लोगों को भ्रमित करने के लिए अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निंदा की. उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान गुरदासपुर लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के मद्देनजर दिए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'ये पार्टियां अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए झूठ बोलने के लिए कुख्यात हैं. शिअद और भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी तमाम अफवाह फैलाए थे, लेकिन वे पंजाब की जनता को बेवकूफ नहीं बना पाए.'
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसान समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और ऋण माफी सहित किसानों के हितों की हिफाजत के लिए कई कदम पहले ही शुरू कर चुकी है.
(इनपुट आईएएनएस से)
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