पंजाब के पूर्व मंत्री और अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Majithia) के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. बादल परिवार के रिश्तेदार मजीठिया पर कल पुलिस ने ड्रग्स मामले (Drugs Case)में एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस सूत्र बताते हैं कि मजीठिया संभवत: राजस्थान की ओर निकल गए हैं. गौरतलब है कि राज्य में मादक पदार्थ से जुड़े 2018 के एक मामले की स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर मजीठिया के खिलाफ NDPS एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह रिपोर्ट STF के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू ने 2018 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल की थी.
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मोहाली थाना पुलिस की अपराध शाखा ने NDPS कानून के तहत मजीठिया के खिलाफ 49 पन्नों की प्राथमिकी दर्ज की है, इसमें धारा 25 (अपराध करने के लिए अपने परिसर का उपयोग करने देने की सजा), 27ए (मादक पदार्थ की खरीद, बिक्री, उत्पादन, विनिर्माण, भंडारण, परिवहन, उपयोग, आयात या निर्यात) और 29 (अपराध की योजना बनाना या उसके लिए उकसाना) शामिल हैं.FIR में रेखांकित किया गया है कि मामला दर्ज करने से पहले पंजाब के महाधिवक्ता से कानूनी सलाह भी ली गई थी. इसके अनुसार, ‘‘एसटीएफ की स्थिति रिपोर्ट के साथ-साथ महाधिवक्ता के विचार में जमानती अपराध हुआ है इसलिए मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.'हाईकोर्ट में लंबित एसटीएफ की यह रिपोर्ट जगजीत सिंह चहल, जगदीश सिंह भोला और मनिंदर सिंह औलख सहित कुछ आरोपियों के बयान पर आधारित है. ये सभी 2013 के करोड़ों रुपये के मादक पदार्थ रैकेट मामले में आरोपी हैं जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED)कर रहा है.
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इस मामले में ईडी ने दिसंबर 2014 में मजीठिया से भी पूछताछ की थी, उस दौरान वह अकाली सरकार में मंत्री थे. इस घटनाक्रम पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने और पंजाबियों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।चन्नी ने ट्वीट किया, ‘पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर गठित एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मोहाली में अपराध शाखा द्वारा प्राथमिकी दर्ज किया जाना उन सभी (राज्य के मादक पदार्थ पीड़ितों) को न्याय दिलाने के लिए आज पहला कदम उठाया गया है.'उन्होंने कहा, ‘‘यह मुश्किल लड़ाई है और मेरा सभी पंजाबियों से अनुरोध है कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में हमारा साथ दें.'
उधर,शिरोमणि अकाली दल ने इसे ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध'' के चलते उठाया गया कदम करार दिया है. मुक्तसर में पत्रकारों से बातचीत में शिअद नेता प्रकाश सिंह बादल ने कहा था, ‘हमें पहले से यह पता था.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बादल परिवार और मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज कराने और उनकी गिरफ्तारी के लिए राज्य पुलिस के तीन प्रमुखों को बदला. पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बादल ने कहा था, ‘‘आप जहां चाहते हैं, मुझे वहां ले चलिए, मैं तैयार हूं. इस प्रकार से प्रतिशोध लेने वाली हर सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.''मजीठिया शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं.
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया था, ‘‘बादल परिवार और कैप्टन द्वारा संचालित भ्रष्ट प्रणाली के खिलाफ साढ़े पांच साल की लड़ाई तथा मजीठिया के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) एवं एसटीएफ (विशेष कार्यबल) की रिपोर्ट पर कदम न उठाकर चार साल की देरी तथा ताकत एवं प्रभाव के पदों पर विश्वसनीय अधिकारियों को बैठाने का दबाव बनाए जाने के बाद अंतत: अब पहला कदम उठाया गया है.'सिद्धू ने श्रृंखलाबद्ध ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘फरवरी 2018 की एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर नशीले पदार्थों के व्यापार के मुख्य आरोपी के खिलाफ पंजाब पुलिस की अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज की गई. मैंने चार साल पहले इसकी मांग की थी. 'उन्होंने कहा कि यह ‘उन सब ताकतवर लोगों के मुंह पर एक तमाचा है' जो अभी तक ‘सोते रहे.' सिद्धू ने कहा किनशीले पदार्थों के माफिया के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी. (भाषा से भी इनपुट)
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