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नीतीश कुमार पर चिराग पासवान का यू टर्न, बोले- चुनाव के बाद वे ही बनेंगे बिहार के मुख्यमंत्री

चिराग पासवान ने कहा, 'मैंने कई बार दोहराया है कि मेरी प्रतिबद्धता और प्यार प्रधानमंत्री के लिए है. बिहार में चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. चुनाव नतीजों के बाद नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.'

नीतीश कुमार पर चिराग पासवान का यू टर्न, बोले- चुनाव के बाद वे ही बनेंगे बिहार के मुख्यमंत्री
पटना:

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्‍करण मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. चिराग पासवान का यह बयान तब आया है, जब दो दिन पहले ही उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देने पर 'अफसोस' जताया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि ये सरकार अपराधियों के आगे हार मान चुकी है'.

एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने विपक्ष पर यह भी आरोप लगाया कि वे 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए सेना को निशाना बना रहे हैं.

'जीतने वाला गठबंधन है एनडीए'

बिहार के हाजीपुर से सांसद पासवान ने कहा कि चुनाव के लिए एनडीए एक 'जीतने वाला गठबंधन' है और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा, 'मैंने कई बार दोहराया है कि मेरी प्रतिबद्धता और प्यार प्रधानमंत्री के लिए है. बिहार में चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. चुनाव नतीजों के बाद नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. निश्चित रूप से वही मुख्यमंत्री होंगे.'

SIR का समर्थन, कहा- विपक्ष मचा रहा शोर

बिहार में मतदाता सूचियों के 'विशेष सघन पुनरीक्षण' (SIR) पर पासवान ने कहा कि यह प्रक्रिया पहले भी चार बार हो चुकी है और इसमें कोई खास अंतर नहीं आया, सिवाय इसके कि अब इसे डिजिटल तकनीक से जोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा, 'पहले लोग दस्तावेजों के लिए खुद जाते थे और अब आप ऑनलाइन जमा कर सकते हैं.'

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने बताया कि आधार कार्ड में जन्म स्थान की स्पष्ट जानकारी नहीं होती है, और किसी भी समस्या के मामले में लोग तीन स्तरों पर अपील कर सकते हैं. उन्होंने पूछा, 'विपक्ष ने इस मुद्दे पर इतना शोर मचाया. क्या उन्होंने यह दिखाने के लिए कोई सबूत दिया कि नाम गलत तरीके से हटाए गए हैं?'

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पासवान ने कहा, 'केवल वही नाम हटाए जाएंगे जो गलत तरीके से दर्ज हुए हैं. लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी के साथ अन्याय न हो. हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि घुसपैठिए हमारे मतदाताओं का फायदा न उठाएं.'

उन्होंने कहा कि हर चुनाव के बाद विपक्ष ही चुनाव आयोग से मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की शिकायत करता था. 'ईवीएम अब ठीक हैं, मतदाता सूचियां उनके लिए एक मुद्दा हैं.'

मंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया आखिरकार पूरे देश में लागू की जाएगी. 'सघन पुनरीक्षण आवश्यक है. कुछ मृत लोगों के नाम सूची में हैं और यह जारी है. संयोग से, यह (SIR) बिहार में लागू किया गया है. आने वाले दिनों में यह पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भी किया जाएगा जहां चुनाव होने वाले हैं, और आखिरकार पूरे देश में.'

'मैं बिहारी हूं, बाहरी की जरूरत नहीं'

राजद सांसद मनोज झा के बिहार में कानून और व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के लिए एक तथ्य-खोज समिति भेजने के सुझाव पर प्रतिक्रिया देते हुए पासवान ने कहा, 'मैं बिहारी हूं. मुझे अपने राज्य की स्थिति को समझने के लिए किसी समिति को भेजने की आवश्यकता नहीं है. मैं स्थिति जानता हूं और इसलिए मैंने चिंता व्यक्त की.' उन्होंने आगे कहा, 'जब मैं यह मुद्दा उठाता हूं, तो वे मेरे विद्रोह को देखते हैं. यह विद्रोह नहीं, बल्कि चिंता है.'

चिराग ने कहा कि विपक्ष एनडीए को तोड़ना चाहेगा क्योंकि वे अपनी ताकत पर नहीं जीत सकते और केवल विरोधी पक्ष को कमजोर करके ही जीत सकते हैं.

ऑपरेश सिंदूर को लेकर विपक्ष पर वार 

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पासवान ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाने के लिए सेना को भी नहीं बख्श रहे हैं. 'ऑपरेशन सिंदूर सेना द्वारा किया गया था, किसी मंत्री द्वारा नहीं. इसकी सफलता सेना की वजह से थी. मैं इसका श्रेय प्रधानमंत्री को देता हूं क्योंकि ऐसे बड़े फैसले को मंजूरी देने के लिए इच्छाशक्ति जरूरी है. हमने मुद्दे की संवेदनशीलता को ध्यान में रखा. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाने के लिए, वे (विपक्ष) ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं. यह किस तरह की सोच है?' 

लोजपा प्रमुख ने कहा कि उन्हें इस बात से दिक्कत है कि विपक्ष 'हर विदेशी पर विश्वास करता है' लेकिन भारत सरकार और राजनेताओं पर नहीं. उन्‍होंने कहा, 'वे मानते हैं कि दूसरे देश के प्रधानमंत्री ने क्या कहा है. वे मानते हैं कि पड़ोसी देश ने क्या कहा है. लेकिन वे यह विश्वास नहीं करना चाहते कि हमारी सेना और लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार क्या कह रही है.' 

पासवान ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग करने और फिर सत्र बुलाए जाने पर हंगामा करने के लिए विपक्ष की आलोचना भी की. 'जब इसे बुलाया गया, तो उन्होंने क्या किया? उन्होंने हंगामा किया और कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. क्या यह आपकी प्राथमिकता है?' उन्होंने पूछा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हर मुद्दे का राजनीतिकरण करना एक अच्छा संकेत नहीं है. आप मुद्दे पर जवाब मांगने के लिए सवाल उठाते हैं, लेकिन मंच का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए न करें.'

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