बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्ला अंसारी की साख भी 2017 के विधानसभा चुनाव में दांव पर लगी हुई है. सिबगतुल्ला को इस बार बहुजन समाज पार्टी ने मोहम्मदाबाद सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है. आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी से मुख्तार अंसारी के रिश्ते खराब हो जाने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. बीएसपी से निकाले जाने के बाद तीनों अंसारी भाइयों मुख्तार, अफजाल अंसारी और सिबगतुल्लाह अंसारी ने 2010 में खुद की राजनीतिक पार्टी कौमी एकता दल का गठन किया.
सिबगतुल्ला अंसारी ने 2012 में कौमी एकता दल के टिकट पर मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा और वह विजयी भी रहे थे. पेशे से टीचर अंसारी भाइयों में सबसे बड़े सिबगतुल्लाह अंसारी दो बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. सिबगतुल्लाह के छोटे भाई बाहुबली मुख्तार अंसारी साल 1996 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. चार बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी पिछले 11 सालों से जेल में बंद हैं.
पहली बार 1996 में बीएसपी के हाथी पर सवार होकर मऊ से विधायक बने बाहुबली मुख्तार दो बार निर्दलीय चुनाव जीते. 2012 में समाजवादी पार्टी की लहर में भी मुख्तार अपनी पार्टी के निशान पर जीत गए. मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी सबसे पहले राजनीति में आए.
मऊ सदर विधानसभा सीट पर फिलहाल कौमी एकता दल के मुख्तार अंसारी विधायक हैं. बदले हुए राजनीतिक समीकरण के बीच वह 2017 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. उनका इस इलाके में काफी दबदबा माना जाता है. सिबगतुल्ला और मुख्तार अंसारी दोनों ही भाई इस बार चुनावी मैदान में है और दोनों ही बसपा के टिकट पर लड़ रहे हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि दोनों भाईयों को जीत का स्वाद चखने को मिलेगा या नहीं.
सिबगतुल्ला अंसारी ने 2012 में कौमी एकता दल के टिकट पर मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा और वह विजयी भी रहे थे. पेशे से टीचर अंसारी भाइयों में सबसे बड़े सिबगतुल्लाह अंसारी दो बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. सिबगतुल्लाह के छोटे भाई बाहुबली मुख्तार अंसारी साल 1996 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे. चार बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी पिछले 11 सालों से जेल में बंद हैं.
पहली बार 1996 में बीएसपी के हाथी पर सवार होकर मऊ से विधायक बने बाहुबली मुख्तार दो बार निर्दलीय चुनाव जीते. 2012 में समाजवादी पार्टी की लहर में भी मुख्तार अपनी पार्टी के निशान पर जीत गए. मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी सबसे पहले राजनीति में आए.
मऊ सदर विधानसभा सीट पर फिलहाल कौमी एकता दल के मुख्तार अंसारी विधायक हैं. बदले हुए राजनीतिक समीकरण के बीच वह 2017 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. उनका इस इलाके में काफी दबदबा माना जाता है. सिबगतुल्ला और मुख्तार अंसारी दोनों ही भाई इस बार चुनावी मैदान में है और दोनों ही बसपा के टिकट पर लड़ रहे हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि दोनों भाईयों को जीत का स्वाद चखने को मिलेगा या नहीं.
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