- राष्ट्रपति कोविंद ने बिहार के तीसरे कृषि रोड मैप का लोकार्पण किया.
- राष्ट्रपति के सामने बिहार भाजपा के मंत्री पीएम मोदी का करते रहे गुणगान.
- सीएम नीतीश ने पीएम मोदी का नाम तक नहीं लिया.
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पटना:
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज बिहार के तीसरे कृषि रोड मैप का लोकार्पण किया. लेकिन इस समारोह की खास बात ये रही कि यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले उपस्थित नहीं रहें, मगर वो कार्यक्रम में चर्चा का केंद्र रहे. उपमुख्य मंत्री सुशील मोदी और कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री की चर्चा करते हुए कहा कि ये कृषि रोड मैप प्रधानमंत्री के 2022 तक किसानो के खुशहाल और उनकी आमदनी बढ़ाने में सहायक होगा. हालांकि, मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने प्रधान मंत्री के नाम की अपने भाषण में एक बार भी चर्चा नहीं की.
इस समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया था. जबकि वो बुधवार को पटना में ही मोजूद थे. मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा कि इस रोड मैप का असल उद्देश्य बिहार में कृषि और इससे जुड़े 76 प्रतिशत लोगों की आमदनी बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि ये उनका संकल्प और सपना है कि हर भारतीय की थाली में एक बिहारी व्यंजन हो.
यह भी पढ़ें - नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर नीतीश कुमार ने दिया यह बयान
इस सम्बन्ध में उन्होंने मुजफ्फरपुर की शाही लीची और भागलपुर के जरदालू ( जर्दा) आम की चर्चा की. नीतीश ने कहा कि इस बार लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए करीब 1 लाख 54 हजार करोड़ रुपए ख़र्च होगा और जहां पहली बार राज्य में सब्जी की खेती करने वालों को इनपुट सब्सिडी दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें - CM नीतीश कुमार ने कहा, बिहार में किसी को सलाह देने पर हो सकता है चप्पल से प्रहार
हालांकि, नीतीश ने माना कि इससे पूर्व के दो कृषि रोड मैप के सभी लक्ष्यों को तो नहीं पूरा किया गया लेकिन उनका कहना था कि अधिकांश टारगेट को पूरा किया गया. बिहार के किसानों की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि ये सबसे मेहनती होते हैं और तार्किक रूप से सोचते हैं. इसलिए अब राज्य में पटना से भागलपुर तक जैविक खेती का कॉरिडर बनाया जा रहा है. राज्य में पहली बार सिंचाई के लिए के पानी को शिवरेज ट्रीटमेंट के बाद और अधिक ट्रीट कर वापस नदी में नहीं डाल के खेती में उपयोग किया जाएगा.
VIDEO - निजी क्षेत्र में आरक्षण के पक्ष में सीएम नीतीश
इस समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया था. जबकि वो बुधवार को पटना में ही मोजूद थे. मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा कि इस रोड मैप का असल उद्देश्य बिहार में कृषि और इससे जुड़े 76 प्रतिशत लोगों की आमदनी बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि ये उनका संकल्प और सपना है कि हर भारतीय की थाली में एक बिहारी व्यंजन हो.
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इस सम्बन्ध में उन्होंने मुजफ्फरपुर की शाही लीची और भागलपुर के जरदालू ( जर्दा) आम की चर्चा की. नीतीश ने कहा कि इस बार लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए करीब 1 लाख 54 हजार करोड़ रुपए ख़र्च होगा और जहां पहली बार राज्य में सब्जी की खेती करने वालों को इनपुट सब्सिडी दिया जाएगा.
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हालांकि, नीतीश ने माना कि इससे पूर्व के दो कृषि रोड मैप के सभी लक्ष्यों को तो नहीं पूरा किया गया लेकिन उनका कहना था कि अधिकांश टारगेट को पूरा किया गया. बिहार के किसानों की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि ये सबसे मेहनती होते हैं और तार्किक रूप से सोचते हैं. इसलिए अब राज्य में पटना से भागलपुर तक जैविक खेती का कॉरिडर बनाया जा रहा है. राज्य में पहली बार सिंचाई के लिए के पानी को शिवरेज ट्रीटमेंट के बाद और अधिक ट्रीट कर वापस नदी में नहीं डाल के खेती में उपयोग किया जाएगा.
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