आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
पटना:
बीजेपी ने गंगा नदी पर बन रहे छह लेन वाले कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के कार्य आरंभ समारोह में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को आमंत्रित किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें 'सुपर मुख्यमंत्री' का दर्जा क्यों नहीं दे देते हैं।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूछा कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के कार्य आरंभ के सरकारी समारोह में किस हैसियत से लालू को आमंत्रित किया गया है। लालू मंत्री, सांसद, विधायक नहीं हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार, लालू के इतने ही दबाव में हैं, तो मेघालय की तरह जहां पांच राजनेताओं को मुख्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है, उन्हें भी 'सुपर मुख्यमंत्री' का दर्जा क्यों नहीं दे देते हैं, जिससे कि उन्हें सरकार के कार्यों में हस्तक्षेप करने का वैधानिक अधिकार मिल जाए।
उन्होंने कहा कि अगर लालू को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आमंत्रित किया गया है तो फिर जगन्नाथ मिश्र और जीतन राम मांझी को क्यों नहीं बुलाया गया है।
सुशील ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से अखबारों में प्रकाशित पुल के कार्यारंभ से संबंधित विज्ञापन में केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री रामविलास पासवान के साथ ही वैशाली और पटना जिले के अन्य सांसदों तथा विधायकों की भी उपेक्षा की गई है। सरकार को बताना चाहिए कि अगर लालू प्रसाद का नाम विज्ञापन में प्रकाशित किया जा सकता है तो हाजीपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और अन्य सांसदों, विधायकों के नाम क्यों नहीं प्रकाशित किए गए हैं।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूछा कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल के कार्य आरंभ के सरकारी समारोह में किस हैसियत से लालू को आमंत्रित किया गया है। लालू मंत्री, सांसद, विधायक नहीं हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार, लालू के इतने ही दबाव में हैं, तो मेघालय की तरह जहां पांच राजनेताओं को मुख्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है, उन्हें भी 'सुपर मुख्यमंत्री' का दर्जा क्यों नहीं दे देते हैं, जिससे कि उन्हें सरकार के कार्यों में हस्तक्षेप करने का वैधानिक अधिकार मिल जाए।
उन्होंने कहा कि अगर लालू को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से आमंत्रित किया गया है तो फिर जगन्नाथ मिश्र और जीतन राम मांझी को क्यों नहीं बुलाया गया है।
सुशील ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से अखबारों में प्रकाशित पुल के कार्यारंभ से संबंधित विज्ञापन में केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री रामविलास पासवान के साथ ही वैशाली और पटना जिले के अन्य सांसदों तथा विधायकों की भी उपेक्षा की गई है। सरकार को बताना चाहिए कि अगर लालू प्रसाद का नाम विज्ञापन में प्रकाशित किया जा सकता है तो हाजीपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और अन्य सांसदों, विधायकों के नाम क्यों नहीं प्रकाशित किए गए हैं।
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