बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘एक देश, एक बिजली शुल्क' की नीति का आह्वान करते हुए कहा कि कुछ राज्य अन्य की तुलना में ऊंची कीमत पर बिजली खरीदते हैं. कुमार ने बुधवार को 15,871 करोड़ रुपये मूल्य की बिजली विभाग की परियोजनाओं का अनावरण करते हुए कहा कि बिहार को अन्य राज्यों की तुलना में केंद्र सरकार के बिजली संयंत्रों से ऊंची दर पर बिजली मिलती है.
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘सारे राज्य देश के समग्र विकास में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं. मैंने पहले भी कई बार कहा था कि ‘एक देश, एक बिजली शुल्क' की नीति होनी चाहिए. आखिर कुछ राज्य ऊंची कीमत पर बिजली क्यों खरीद रहे हैं? देश भर में एकीकृत बिजली दर होनी चाहिए.'
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य में स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का फैसला किया है. कुछ राज्यों में ऐसी योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम अपने बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी देते हैं. हम बहुत अधिक दर पर बिजली खरीदते हैं और अपने उपभोक्ताओं को बहुत कम दर पर उपलब्ध कराते हैं, मुझे उन लोगों से कोई दिक्कत नहीं है जो मुफ्त बिजली देने की बात करते हैं.''
नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अक्टूबर 2018 में राज्य में हर घर में बिजली का कनेक्शन पहुंचे. उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें 2005 में बिहार में लोगों की सेवा का अवसर मिला तो राज्य में बिजली की खपत महज 700 मेगावाट थी जो अब बढ़कर 6,738 मेगावाट हो गई है.''
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