गंगा नदी की बाढ़ के पानी को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों में ले जाकर, उसे शोधित करने तथा पेयजल के तौर पर 'हर घर गंगाजल' की आपूर्ति करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनूठी परिकल्पना रविवार को धरातल पर उतरेगी, जब वह इस परियोजना का लोकार्पण करेंगे. राज्य सरकार के एक मंत्री ने इसकी जानकारी दी. बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने इस महात्वाकांक्षी परियोजना 'गंगाजल आपूर्ति योजना' का राजगीर में रविवार को दोपहर बाद तीन बजे लोकार्पण करेंगे.
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही नीतीश कुमार राजगीर शहर में 'हर घर गंगाजल' की आपूर्ति का शुभारंभ भी करेंगे. नीतीश कुमार अगले दिन (28 नवंबर को) गया और बोधगया में योजना का लोकार्पण करेंगे, जबकि योजना के दूसरे चरण में जून 2023 तक नवादा में भी इसे (हर घर गंगाजल) पहुंचाने का लक्ष्य है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने दूरगामी अभियान 'जल-जीवन-हरियाली' के तहत गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की अनूठी परिकल्पना की.
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अतिमहत्वाकांक्षी 'गंगाजल आपूर्ति योजना' को मंजूरी दी गई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जल संसाधन विभाग ने तत्परता से काम करते हुए इतनी बड़ी योजना को कोरोना काल की चुनौतियों के बावजूद तीन साल से कम समय में पूरा करा दिया है.
मंत्री ने कहा कि गंगा जल पाइपलाइन के जरिये 151 किलोमीटर सफर तय करके राजगीर, गया और बोधगया के जलाशयों में पहुंच गया है, जहां से यह शोधित होकर शुद्ध पेयजल के रूप में रोज लाखों लोगों की प्यास बुझाएगा. उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति का लक्ष्य है.
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