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This Article is From Aug 15, 2024

Vinesh Phogat: '100 ग्राम' से चूक गया मौका, नियमों से पटखनी खा गईं धाकड़ विनेश फोगाट

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक फाइनल से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश फोगाट की संयुक्त सिल्वर मेडल की अपील को भी खारिज कर दिया गया है.

Vinesh Phogat: '100 ग्राम' से चूक गया मौका, नियमों से पटखनी खा गईं धाकड़ विनेश फोगाट
Vinesh Phogat

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक फाइनल से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद विनेश फोगाट की संयुक्त सिल्वर मेडल की अपील को भी खारिज कर दिया गया है. ये सारा मामला '100 ग्राम' से जुड़ा है, जो इस धाकड़ महिला पहलवान के लिए 'जी का जंजाल' बन गया. पेरिस में गोल्ड मेडल पाने के लिए एक ही दिन में विनेश ने तीन धुरंधर पहलवानों को पटखनी दी, लेकिन नियमों के आगे हार गई. 'मां मैं हार गई और कुश्ती जीत गई...', पेरिस ओलंपिक के दौरान ही यह बात कहकर विनेश फोगाट ने संन्यास का ऐलान किया था. इसके पीछे वजह है उनका भाग्य जो बार-बार उनसे वो छीन लेता है, जिसकी वो हकदार हैं। 2016, 2020 और अब 2024 इन तीनों मौकों पर विनेश का साथ उनके भाग्य ने साथ नहीं दिया.

इसमें सबसे बड़ी चोट विनेश को पेरिस ओलंपिक में मिली, जहां वो 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में फाइनल में पहुंचने के बाद मात्र '100 ग्राम' अधिक वजन होने के कारण डिसक्वालीफाई हो गईं. विनेश ने इसके विरुद्ध अपील दायर की और उन्हें संयुक्त सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की गई थी. विनेश ने रिंग के बाहर सिल्वर मेडल के लिए 8 दिन तक कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन उन्हें यहां हार झेलनी पड़ी. विनेश अभी पेरिस में ही हैं. हालांकि, उन्होंने ओलंपिक विलेज छोड़ दिया है. अब वो होटल में ठहरी हुई हैं. विनेश 17 अगस्त को भारत लौटेंगी.

कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ की गई अपील खारिज कर दी है. विनेश का ये मामला न्यायसंगत और उचित मानकों की आवश्यकता की सख्त याद दिलाता है. हालांकि, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के खिलाफ फोगाट के आवेदन को खारिज करने के सीएएस के फैसले पर अपना आश्चर्य जताया और निराशा व्यक्त की.

उन्होंने अपने बयान में कहा, "आईओए का दृढ़ विश्वास है कि दो दिनों में से दूसरे दिन इस तरह के भार उल्लंघन के लिए एक एथलीट को पूरी तरह से अयोग्य घोषित करना गहन जांच का विषय है. हमारे कानूनी प्रतिनिधियों ने एकमात्र मध्यस्थ के समक्ष इस बात को उचित रूप से रखा है." आईओए की ओर से कहा गया कि 100 ग्राम के मामूली अंतर और उसके परिणाम का न केवल विनेश के करियर पर गहरा प्रभाव पड़ा है, बल्कि ये इन नियमों और उनकी व्याख्या को लेकर भी गंभीर सवाल उठाता है.

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