यूक्रेन और रूस (RussianUkrainianWar) के बीच जारी युद्ध में फंसे भारतीय लगातार किसी भी तरह अपने देश में पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे ही मेडिकल के एक भारतीय छात्र अमित एक प्रोफ़ेशनल बॉक्सर की मदद से भारत पहुंचने में कामयाब हो पाए हैं. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे अमित कल रात ही यूक्रेन से नजफ़गढ़ (दिल्ली) आए हैं. वो खारकीव में मेडिकल के चौथे वर्ष के छात्र हैं. वो बताते हैं कि कैसे वो बड़ी मुश्किल से जान बचाकर यूक्रेन से भारत लौट आये और कैसे इसमें उनकी प्रोफ़ेशनल बॉक्सर नीरज गोयत ने बहुत मदद की. सबकुछ एक बुरे सपने जैसा ही बीता है.
Great job Neeraj jee.. Lage rahiye???? https://t.co/OKTyouIG8J
— Dr. Vimal Mohan (@Vimalsports) March 4, 2022
"अभी भी सहमे हुए हैं छात्र"
अमित अब भी सहमे से नज़र आते हैं. यूक्रेन से लौटने की दास्तां सुनाते हैं, " हम खारकीव में थे. लगातार रोज़ बमबारी हो रही थी. हमारी हालत ये थी कि अब लौटने पर यहां भी तेज़ आवाज़ हो रही है तो लगता है बमबारी हो गई है. बुरे फंसे थे. तभी मैंने इंस्टाग्राम पर नीरज भैया का मैसेज देखा कि वो यूक्रेन में फंसे छात्रों की मदद कर रहे हैं. मैंने उन्हें अपना नंबर मैसेज किया और सुबह 6- 6:30 बजे तुरंत उनका कॉल आ गया. उन्होंने हमें कुछ टैक्सी ड्राइवर के कॉन्टैक्ट दिये और रेलवे स्टेशन तक कैसे पहुंचे इस बारे में बताने लगे. उस वक्त ये बहुत बड़ी मदद थी. हम अपने शेल्टर से निकलकर 7-8 किलोमीटर चलकर रेलवे स्टेशन आ गए. ट्रेन में हम क़रीब 20 छात्र खड़े होकर सफ़र कर रहे थे. लेकिन हमें लगा कि हमारी जान बच गई." अमित बताते हैं कि नीरज की मदद से कैसे वहां बच्चों को राहत महसूस हो रही है. वो कहते हैं, "उन्होंने मिनी बस के इंतज़ाम का आश्वासन भी दिया था. हम खारकीव से सभी सुरक्षित निकलकर लिविव आए जहां उन्होंने रहने-खाने का अच्छा इंतज़ाम कर रखा था. लिविव से उन्होंने बुडिमिर बॉर्डर क आने में भी मदद की." उसके बाद भारतीय दूतावास की मदद से वो पोलैंड से दिल्ली आ सके.
All indian students those who are stuck in #Ukraine if you need help then Pls contact me as i have a big boxing family in Ukraine.They will definately reach you to help @Vitaliy_Klychko @Klitschko #SaveIndiansInUkraine #RussiaUkraineWar @FarOutAkhtar @arya_offl @vineetkumar_s pic.twitter.com/rnI4PE6mKN
— Neeraj Goyat (@GoyatNeeraj) February 28, 2022
कौन है प्रोफ़ेशनल बॉक्सर नीरज गोयत
हरियाणा में करनाल के रहने वाले 31 साल के प्रोफ़ेशनल बॉक्सर नीरज गोयत रूस-यूक्रेन जंग के शुरू होते ही नीरज ने ट्विटर हैंडल Neeraj Goyat@GoyatNeeraj से यूक्रेन में फंसे छात्रों तक पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी. नीरज भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग सर्किट में जाना-माना नाम हैं. ओलिंपिक पदक विजेता विजेन्द्र सिंह से भी पहले नीरज गोयत भारत के पहले प्रोॉफ़ेशनल मुक्केबाज़ हैं जिन्होंने 12 राउंड की तीन फ़ाइट की और उनमें जीत हासिल की. नीरज बताते हैं कि 28 तारीख़ को करनाल में ही उनके किसी पड़ोसी ने उनसे फ़ोन कर अपने बच्चे के लिए मदद मांगी. उन्होंने फ़ौरन ही यूक्रेन में अपने प्रोफ़ेशनल बॉक्सिंग के कॉन्टैक्ट का सोशल मिडया और व्हाट्सएप पर एक ग्रुप बना लिया. यूक्रेन में बॉक्सिंग के कोच, मैचमेकर्स, प्रोमोटर, ऑफ़िशियल्स ने तुरंत ही आगे आ गए. अच्छी बात ये भी है कि अब यूक्रेन से लौटकर आए बच्चे भी इस ग्रुप का हिस्सा बन गए हैं और बाक़ी लोगों की मदद की कोशिश कर रहे हैं.
सरकार की कोशिश जारी
पिछले सात-आठ दिनों से भारत की सबसे बड़ी फ़िक्र रूस-यूक्रेन जंग में फंसे हिन्दुस्तानी बच्चों को वॉर ज़ोन से निकाल कर सुरक्षित पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और हंगरी बॉर्डर तक पहुंचाने और फिर वहां से वापस भारत लाने की रही है. सरकार की कोशिशें जारी हैं. लेकिन इस बीच प्रोफ़ेशनल भारतीय मुक्केबाज़ नीरज गोयत, सोनू सूद की तरह अपने बॉक्सिंग कॉन्टैक्ट के ज़रिये वहां से बच्चों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं. नीरज बताते हैं कि वो और उनका ग्रुप अबतक यूक्रेन से क़रीब सवा सौ बच्चों को निकालने में कामयाब रहे हैं. नीरज ने अपने दोस्तों की मदद से लिविव में एक शेल्टर होम बना लिया है. वो अपने यूक्रेनी साथी ओस्टेप का बार-बार ज़िक्र करते हैं. वो बताते हैं कि कैसे ओस्टेप लगातार 24 घंटे छात्रों की मदद करने को तैयार हैं. लिविवि के एक यूनिवर्सिटी में बने श्ल्टर होम में उन्होंने बच्चों के खाने-पीने, रहने का इंतज़ाम किया हुआ है. वो बच्चों के लिए वॉर ज़ोन में किसी तरह टैक्सी का भी इंतज़ाम करने की कोशिश करते हैं.
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