
विश्व के श्रेष्ठतम खिलाड़ियों में से एक सर्बिया के नोवाक जोकोविच (Novak Djokovic) ऑस्ट्रेलिया से निर्वासन से बचने के लिए कानूनी लड़ाई हार गए हैं. जो इस दिग्गज टेनिस खिलाड़ी के लिए बड़ा झटका है. इस फैसले से अब यह बात स्पष्ट हो गई है कि उन्हें मेलबर्न में डिटेंशन रहना होगा, जब तक कि उन्हें देश से वापस नहीं भेज दिया जाता है. कुछ सूखे शब्दों में कहा जाए तो ऑस्ट्रेलिया के फेडरल कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जेम्स ऑलसॉप ने रविवार को बिना टीकाकरण वाले टेनिस सुपरस्टार के अपने रद्द किए गए वीजा को बहाल करने के प्रयास को खारिज कर दिया. "अदालत के आदेश हैं कि संशोधित आवेदन को लागत के साथ खारिज कर दिया जाए", ऑलसॉप ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में पहले मैचों की पूर्व संध्या पर सर्वसम्मत निर्णय की घोषणा करते हुए इन बातों को स्पष्ट किया है.
34 वर्षीय गत चैंपियन और पहली वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को पहले दिन की शाम को ऑस्टेलियाई ओपन में मैच खेलना था. अगर उसने खिताब बरकरार रखा होता तो वह 21 ग्रैंड स्लैम जीतने वाले इतिहास के पहले पुरुष टेनिस खिलाड़ी बन जाते, लेकिन अब उनके इस उपलब्धि पर ग्रहण लग गया है.
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बता दें कि 17 जनवरी से शुरू होने वाले साल के पहले ग्रैंडस्लैम आस्ट्रेलियाई ओपन में भाग लेने के लिए पहली वरीयता प्राप्त जोकोविच पांच जनवरी को आस्ट्रेलिया पहुंचे तो कोरोना वैक्सीन न लगवाने के कारण उनका वीज़ा रद्द कर दिया गया और उन्हें एक निरोध (डिटेंशन) केंद्र में रोक लिया गया. हालांकि ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने इस संबंध में जोकोविच की दलीलों को स्वीकार करते हुए सरकार के वीज़ा रद्द करने के फ़ैसले को ख़ारिज करके जोकोविच के इस टूर्नामेंट में खेलने की उम्मीद को बरकरार रखा था, लेकिन सरकार ने दूसरी बार उनका वीजा रद्द करके इस संभावना को समाप्त कर दिया.
करियर पर लग सकता है ग्रहण
कहने सुनने को यह भले ही एक खबर है, लेकिन यह नोवाक जोकोविच जैसे खिलाड़ी के टेनिस करियर की चमक को धुंधला कर सकती है, जिसने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए दशकों तक मेहनत की है. चार बरस की उम्र से शुरूआत करके मिनी रैकेट और साफ्ट बॉल से खेलने वाला यह खिलाड़ी आज 34 बरस की उम्र में टेनिस की तमाम बुलंदियों को छूने के बाद हर दिन नये कीर्तिमान स्थापित करने की तरफ बढ़ रहा है.
जोकोविच ने पिछले डेढ़ दशक में टेनिस में जो रिकार्ड बनाए हैं, वह उन्हें सदी के दुनिया के महानतम टेनिस खिलाड़ियों में शुमार करते हैं. 2011 में पहली बार विश्व के नंबर एक खिलाड़ी का रूतबा हासिल करने वाले जोकोविच ने अगले एक दशक तक वरीयताक्रम पर राज किया जो आज तक कायम है. जोकोविच इस समय अपने खेल के चरम पर हैं और अपने टेनिस करियर में उन्होंने 20 ग्रैंडस्लैम समेत कुल 84 खिताब जीते हैं.
यह ठीक है कि कोरोना की महामारी ने दुनियाभर में कहर मचाया है और आस्ट्रेलिया सरकार का इसकी वैक्सीन के लिए कठोर नियम बनाना अपनी जगह दुरूस्त है, लेकिन इसमें भी दो राय नहीं कि वैक्सीन न लगवाने वाले अरबों लोग अभी इसी दुनिया में ही हैं और आस्ट्रेलिया में भी ऐसे लोगों की तादाद कम नहीं है. दूसरी ओर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि जोकोविच जैसे महान खिलाड़ी को जरा सी ज़िद के लिए अपने करियर को दांव पर लगाना शोभा नहीं देता.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं