भारत के लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन टूर्नामेंट (All England badminton tournament) जीतने का कारनामा तो अपने नाम नहीं कर सके. लेकिन ये अहसास ज़रूर करवाया कि उनकी कामयाबी का सिलसिला अब शुरू हो चुका है. उनके कोच विमल कुमार कहते हैं, "स्कोर इस मैच का इंडिकेशन नहीं है. एक्सेलसेन इस मैच में बेहतर खिलाड़ी रहे. उन्होंने पहले गेम को स्लो रखा और लक्ष्य को पीछे रहने पर मजबूर कर दिया. विक्टर एक क्लेवर गेम खेल रहे थे. लक्ष्य का शटल बैक कोर्ट तक नहीं जा रहा था. मैंने लक्ष्य से अभी बात की. और वो निराश नहीं हैं. उन्हें पता है उन्हें कहां मेहनत करनी है."
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भारत के लिए दो दशक पहले ये कारनामा मौजूदा कोच पुलेला गोपीचंद ने किया था. जबकि, उससे 21 साल पहले यानी 1980 में ये कारनामा प्रकाश पादुकोण कर भारत का परचम दुनिया के इस सबसे मशहूर माने जाने वाले टूर्नामेंट में लहरा चुके थे.
What have we just witnessed ????
— ???? Yonex All England Badminton Championships ???? (@YonexAllEngland) March 19, 2022
Lakshya Sen is through to the YONEX All England final after beating Lee Zii Jia.
AMAZING! #YAE22 pic.twitter.com/EiKKPzQrB7
ऑल इंग्लैंड के फ़ाइनल में भारतीय
- प्रकाश नाथ- 1947
- प्रकाश पादुकोण- 1980 (विजेता), 1981
- पुलेला गोपीचंद -2001 (विजेता)
- सायना नेहवाल- 2015
- लक्ष्य सेन- 2021
मैच के पहले गेम में गैर वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के तौर पर उतरे भारत के लक्ष्य सेन की शुरुआत अच्छी नहीं रही. ओलिंपिक चैंपियन, 28 साल के डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन (Viktor Axelsen) ने स्कोर को 12-2 कर दिया. इसी महीने जर्मन ओपन में लक्ष्य से हार चुके एक्सेलसेन इस बार पूरे होमवर्क के साथ आए थे. पहले गेम के आख़िरी 12 से 21 प्वाइंट्स के बीच हरेक प्वाइंट के लिए दोनों खिलाड़ियों में कांटे की टक्कर रही. लेकिन एक्सेलसेन ने पहला गेम 21-10 से अपने नाम कर लिया. इंडिया ओपन और जर्मन ओपन के बाद लगातार तीसरा फ़ाइनल खेल रहे लक्ष्य दूसरे गेम में अपने रंग में आ तो गए, मगर एक्सेलसेन ने अपने अनुभव के सहारे अच्छी बढ़त बना ली. एक्सेलसेन ने 53 मिनट में ये मैच 21-10, 21-15 से ख़त्म कर दूसरी बार ये ख़िताब अपने नाम कर लिया.
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दोनों खिलाड़ियों की टक्कर में इससे पहले भी एक्सेलसेन का ही पलड़ा भारी रहा है. इससे पहले खेले गए 5 मुक़ाबलों में एक्सेलसेन ने 4 और लक्ष्य ने एक मैच अपने नाम किया था. अब ये आंकड़ा एक्सेलसेन के पक्ष में 5-1 का हो गया है. साल भर में लक्ष्य सेन ने अपने हुनर से दुनिया भर के एक्सपर्ट्स को हैरान कर दिया है. पिछले साल उन्हें भारत के टॉप चार खिलाड़ियों में जगह नहीं मिली थी और वो भारत की थॉमस कप टीम का हिस्सा नहीं थे. लेकिन उसके बाद से बैडमिंटन कोर्ट पर विपक्षी खिलाड़ियों पर उनका क़हर बरपा है.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ और यूथ ओलिंपिक गेम्स में गोल्ड जीतने वाले 20 साल की कामयाबियों का सिलसिला अब शुरू ही हुआ है. ऑल इंग्लैंड के फ़ाइनल में पहुंचना भी बेहद बड़ी कामयाबी है. पेरिस ओलिंपिक्स के बारे में पूछे जाने पर उनके कोच विमल कुमार कहते हैं, "पेरिस अभी दूर है. अभी उन्हें अपने शरीर का ख़्याल रखना है. मुझे, उनके पिता और कोच सेन डीके सेन और कोरियाई कोच यु यॉन्ग सुंग को फ़िलहाल उनके अगले 6 महीने के टूर्नामेंट पर फ़ोकस करना है. इस साल उनके लिए अभी कई चुनौतियां सामने आनी हैं. पूरी टीम उसी पर काम कर रही है."
इस साल उनके अहम शिकार में दुनिया भर के दिग्गजों की ख़तरनाक लिस्ट है-
- 2021 ओलिंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसेन
- 2021 ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता एंथनी गिंटिंग
- 2021 वर्ल्ड चैंपियन लोह कीन यिव
- 2021 वर्ल्ड चैंपि. कांस्य पदक विजेता एंडर्स एंटोसेन
- 2021 ऑल इंग्लैंड चैंपियन ली जी ज़िआ
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