
Bruna Alexandre Paris Olympics 2024: दक्षिणी ब्राजील के क्रिसिउमा शहर में जन्मी एलेक्जेंडर (Bruna Alexandre) ने तीन महीने की उम्र में थ्रोम्बोसिस के कारण अपना दाहिना हाथ गंवा दिया था. हालांकि, उन्होंने इस विकलांगता के कारण खेल के प्रति अपने प्यार को प्रभावित नहीं होने दिया. बता दें कि टेबल टेनिस खिलाड़ी ब्राजील की ब्रूना एलेक्जेंडर ने एक ही साल में ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों खेलों में भाग लेने वाली अपने देश की पहली पैरालंपिक एथलीट बन गई है .ऐसा कर उन्होंने इतिहास रच दिया है.
एक हाथ नहीं फिर भी ओलंपिक में डेब्यू कर रचा इतिहास
अपनी ओलंपिक उपलब्धि हासिल करने के लिए एथलीट को कड़ी मेहनत और अनुशासन का पालन करना पड़ा, जो एक ऐसे सपने को हासिल करने के दो बुनियादी स्तंभ होते हैं, जब वह साल साल की थी तो ऐसा सोच पाना असंभव था, लेकिन इस टेबल टेनिस खिलाड़ी ने ओलंपिक के इतिहास में ऐसा चमत्कार कर गजब कर दिया है. एलेक्जेंडर ने केवल 7 साल की उम्र में टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था. एक स्थानीय कोच ने उसे अपने भाई के साथ अभ्यास में शामिल होने का सुझाव दिया और इसके बाद इस खिलाड़ी का चमत्कारिक सफर शुरू हआ.
एलेक्जेंडर, टेबल टेनीस ओर आकर्षित हो गई, एलेक्जेंडर ने टेबल टेनिस खेलने को लेकर एक इंटरव्यू में कहा है कि, पहले केवल एक हाथ से सर्व करना मुश्किल था, लेकिन उसने जल्द ही स्पिन के साथ सर्व करने से पहले अपने बाएं हाथ से गेंद को उछालने के कौशल में महारत हासिल कर ली. ब्राजीलियाई खिलाड़ी कहतीं हैं, "लगभग एक साल बाद मैं खुद को ढालने में कामयाब हो गई. अब मेरी सर्व मेरी ताकत में से एक है."
किशोरावस्था में, एलेक्जेंडर ने टेबल टेनिस के पैरालंपिक टूर्नामेंट को देखकर खुद के लिए आगे बढ़ने के नए अवसर खोले. साल 2014 में उन्होंने बीजिंग में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में दो कांस्य पदक जीते. इस उपलब्धि ने उसे रियो 2016 पैरालंपिक खेलों में पहुंचाया, जहां उन्होंने पदक जीत इतिहास रचा था. इसके साथ-साथ ब्रातिस्लावा में विश्व चैंपियनशिप और पैन अमेरिकन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने में सफल रहीं. वहीं, टोक्यो पैरालंपिक के व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत और टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने का कमाल करने में भी सफल रहीं.
History maker 👏
— World Table Tennis (@WTTGlobal) August 5, 2024
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एलेक्जेंडर ने फिर किया ऐसा करिश्मा
टोक्यो खेल के बाद एलेक्जेंडर ने जो किया वह इतिहास है. दरअसल, पोलैंड की नतालिया पार्टीका से प्रेरित होकर एलेक्जेंडर ने वह करनी ठानी जो मुश्किल था. बता दें कि पोलैंड की नतालिया पार्टीका बीजिंग 2008) में ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों खेलों में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली खिलाड़ी थी. उनसे ही प्रेरणा लेकर एलेक्जेंडर ने भी अपने लिए लक्ष्य बनाया जो उन्होंने इस पेरिस ओलंपिक में हासिल कर लिया. आखिरकार एलेक्जेंडर पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहीं.
फ्रांस की राजधानी में ब्राजील की एथलीट और उनकी टीम ने ओलंपिक टूर्नामेंट के पहले दौर में दुनिया की सबसे मजबूत टीम दक्षिण कोरिया का सामना किया. हालांकि ब्राज़ील अंतिम 16 से आगे नहीं बढ़ पाया, लेकिन एलेक्जेंडर के प्रदर्शन की भऱपूर तारीफ हो रही है.
Bruna Alexandre is the first Brazilian to compete in both the Olympic and Paralympic Games. This is her story@RutvickMehta spoke to her in Paris https://t.co/4dQD73MSLt pic.twitter.com/iEEGrH1BLv
— Ashish Magotra (@clutchplay) August 6, 2024
एलेक्जेंडर के लिए यह सफर आसान न था
इस उपलब्धि तक पहुंचने का मार्ग एलेक्जेंडर के लिए आसान नहीं रहा है. खिलाड़ी को अभी भी याद है कि उसे कितने लंबे समय तक ट्रेनिंग करनी पड़ी थी. जब वो ट्रेनिंग कर रहीं थी तो उस समय भी उनको इसमें सफलता मिलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं थी. इसके लिए कई सालों तक का प्रयास करना पड़ा.
"मुझे पता था कि ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना बहुत मुश्किल होगा, लेकिन मैंने ऐसा किया और आज मैं इस महान सपने को पूरा करने मे सफल रही हूं."
एलेक्जेंडर की कहानी प्रतिकूल परिस्थितियों पर काबू पाने और अपने दृढनिश्चय पर कायम रहने की कहानी है. उनकी कहानी एक ऐसा प्रमाण जो किसी भी खेल में विकलांग लोगों को शामिल करने की वकालत करता है.
"मुझे विश्वास है कि पेरिस ओलंपिक में मेरी उपस्थिति कई दरवाजे खोल सकती है. मुझे उम्मीद है कि एक दिन एक विकलांग व्यक्ति दोनों हाथों वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर सकेगा, और यह दुनिया भर में एक आदर्श बन जाएग."
पैरालंपिक खेलों के करीब आने के साथ, जहां वह 28 अगस्त से 8 सितंबर तक प्रतिस्पर्धा करेगी, एलेक्जेंडर को बहुत उम्मीदें हैं. "मुझे उम्मीद है कि मैं पेरिस में अपना पहला व्यक्तिगत गोल्ड जीतने में सफल रहूंगी.
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