नीरज चोपड़ा ने एशियन गेम्स 2023 में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में सीजन के सर्वश्रेष्ठ 88.88 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया. लेकिन यह जीत विवादों में घिरी रही, क्योंकि मौजूदा विश्व चैंपियन का पहला प्रयास बहुत काफी अच्छा था और ऐसा लग रहा था कि थ्रो आसानी से 85 मीटर के निशान को पार कर गया. हालाँकि, तकनीकी खराबी के कारण आयोजक इसे मापने में सक्षम नहीं थे. जिसके चलते नीरज को एक बार फिर थ्रो लेना पड़ा. अपनी स्वर्ण पदक जीत के बाद, नीरज ने विवादास्पद घटना के बारे में खुलकर बात की और बताया कि आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकता है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने नीरज चोपड़ा के हवाले से लिखा,"मैं हैरान और कंफ्यूज था, मैंने अब तक जिस भी प्रतियोगिता में भाग लिया है उसमें ऐसा कभी नहीं हुआ. मुझे लगता है कि उन्होंने मेरा लैंडिंग मार्क खो दिया है और वे इसकी तलाश करते रहे."
नीरज ने आगे कहा,"मेरे पास कोई अन्य साधन नहीं था. मैंने सोचा कि लंबे समय तक बहस करने का कोई मतलब नहीं है. मैंने यह भी सोचा कि इससे अन्य प्रतियोगियों की प्रतिस्पर्धा पर असर पड़ रहा है. अन्य प्रतियोगी इंतजार कर रहे थे और मुझे भी उनका सम्मान करने की जरूरत है. हवा चल रही थी और सभी को ठंड लग रही है. इसलिए, मैंने सोचा कि मैं बाद में थ्रो करूंगा." उन्होंने आगे कहा,"नियम के अनुसार, केवल छह थ्रो होते हैं, लेकिन पहली बार मुझे किसी प्रतियोगिता में सात थ्रो मिले."
बता दें, यह पहली बार नहीं था कि एशियाई खेल 2023 के दौरान भारतीय एथलीट के साथ इस तरह की कोई बेइमानी हुई हो. ज्योति याराजी को शुरू में 110 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल के दौरान अयोग्य घोषित कर दिया गया था. लेकिन बाद में, आयोजकों ने चीनी एथलीट की गलती पाई और उनके कांस्य पदक को रजत में अपग्रेड कर दिया गया.
"मुझे बुरा लगा कि इतनी बड़ी प्रतियोगिता में मेरा पहला थ्रो इस तरह गया. ज्योति के साथ भी ऐसा हुआ, मेरे साथ गड़बड़ हुआ. जेना का एक थ्रो में भी हुआ. इसलिए कुछ समस्याएं थीं, लेकिन अंत में, मैं कहूंगा कि हमारे परिणाम अच्छे थे. जो कुछ भी किया गया है उसके बावजूद, हमने दिखाया है कि हम तैयार होकर आए थे.''
नीरज चोपड़ा ने आगे कहा,"हमारी टीम को निश्चित रूप से इस पर गौर करना चाहिए कि हम इतने सारे मुद्दों का सामना क्यों कर रहे हैं, मैंने बड़ी प्रतियोगिताओं में इस तरह की चीजें कभी नहीं देखी हैं. मैं या कोई अन्य एथलीट पहले थ्रो के बाद मानसिक रूप से निराश हो सकते थे. कुछ भी हो सकता है. ज्योति भी लड़ी.''
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