मां के 'कैडी' बनने को लेकर गोल्फर अदिति अशोक ने एनडीटीवी से कहा- चाहती थी कि वह भी हिस्सा हों..'

भारतीय महिला गोल्फर अदिति अशोक (Indian Golfer Aditi Ashok) ने ओलंपिक (Tokyo Olympics) में कमाल का परफॉर्मेंस किया है और फाइनल राउंड तक पहुंचने में कामयाब रही. हालांकि अदिति स्पर्धा में पदक से मामूली अंतर से चूक गई

मां के 'कैडी' बनने को लेकर गोल्फर अदिति अशोक ने एनडीटीवी से कहा- चाहती थी कि वह भी हिस्सा हों..'

गोल्फर अदिति अशोक ने एनडीटीवी से बात की

भारतीय महिला गोल्फर अदिति अशोक (Indian Golfer Aditi Ashok) ने ओलंपिक (Tokyo Olympics) में कमाल का परफॉर्मेंस किया है और फाइनल राउंड तक पहुंचने में कामयाब रही. हालांकि अदिति स्पर्धा में पदक से मामूली अंतर से चूक गई और खराब मौसम से प्रभावित चौथे दौर में तीन अंडर 68 का स्कोर करके चौथे स्थान पर रही. चौथे नंबर पर रहने के बाद अदिति ने NDTV से बात की और अपने परफॉर्मेंस को लेकर कहा कि, उन्हें भी उम्मीद नहीं थी कि वो यहां तक पहुंच पाएंगी. इसके अलावा अदिति ने अपनी मां के कैडी (Mom As Caddie) बनने को लेकर NDTV को बताया कि वो चाहती थी कि मां भी इसका हिस्सा हों, इसलिए मैंने उन्हें कैडी के तौर पर गॉल्फ कोर्स में अपने साथ रखा. गॉल्फ कोर्स में अदिती की मां अपनी बेटी का बैग उठाती हुईं नजर आ रही थी.. पिछले ओलंपिक में यही काम उनके पिता ने किया था. बता दें कि रियो ओलंपिक में भी अदिति ने शिरकत करी थी और उस दौरान कैडी की भूमिका में उनके पिता अशोक मौजूद थे.

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भारतीय गोल्फर ने अपनी मां मैश अशोक के साथ ओलंपिक अनुभव साझा करने पर भी खुशी व्यक्त की, जो उनके साथ टोक्यो में कैडी के रूप में गई थीं. उन्होंने NDTV को बताया कि यह काफी अच्छा था. जब मेरे पास पिछले ओलंपिक में मेरे पिताजी थे, तो मुझे पता था कि मैं इस इस बार अपनी मां को अपने साथ ले जाना चाहती हूं. मैच चाहती थी कि मेरी माँ इसका हिस्सा बने और उन्हें भी ओलंपिक का अनुभव प्राप्त हो.


अदिती ने आगे कहा कि, कोविड (COVID) के कारण मुझे पूरा यकीन था कि वो मेरे साथ कैडी के तौर पर आएंगी. मैंने उनके साथ पूरा हप्ता बिताया और नंबर 4 पर खत्म किया. मुझे खुशी है कि मुझे उनके साथ यह सफर साझा करने का मौका मिला.

उन्होंने अपने परफॉर्मेंस को लेकर भी बात की और कहा कि, "यह एक अच्छा सप्ताह था, मैंने सभी चार दिनों में अच्छा खेली और मैं पहले तीन दिनों में शीर्ष तीन में थी. मुझे यहां आने की कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन जाहिर है, हर कोई पदक जीतने आता है. इसलिए उस स्थिति में रहना मेरे खेल और मेरे आत्मविश्वास के लिए वास्तव में अच्छा था, दुर्भाग्य से, मैंने पदक नहीं जीता लेकिन यह अभी भी एक अच्छा सप्ताह रहा है मेरे लिए.'

भारतीय महिला गोल्फर अदिति अशोक ने पिछले चार दिनों में मिले समर्थन के लिए अपने साथी भारतीयों का आभार व्यक्त किया, उन्होंने कहा कि, "गोल्फ भारत में लोकप्रिय नहीं है, इसलिए सिर्फ मेरे द्वारा यहां अच्छा प्रदर्शन करने से, अगर अधिक लोग गोल्फ के बारे में देखना चाहते हैं और सीखना चाहते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से एक अच्छी बात है. पूरे देश को समर्थन देने के लिए धन्यवाद जो मैंने महसूस किया है, पिछले कुछ दिनों से.

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अर्जुन पुरस्कार विजेता गोल्फर ने खुलासा किया कि वह मई में कोविड का शिकार हो गईं थी, और उसके बाद से अबतक वो उससे बाहर आने के बाद भी थोड़ी कमजोर महसूस करती है लेकिन मैं अपने ताकत पर काम कर रहीं हूं. अदिति ने आगे कहा कि,  "जब मैं अमेरिका से भारत वापस आई तो मुझे मई में कोविड था, मैं वीजा के लिए वापस आई थी, लेकिन फिर मेरा पासपोर्ट एक सप्ताह के लिए वाणिज्य दूतावास में अटक गया, इसलिए मुझे भारत में वापस रहना पड़ा और फिर कोरोना पॉजिटिव हो गई.

महिला गोल्फर ने कहा कि, 'वहां दो सप्ताह का लॉकडाउन था, जब मैं बीमार पड़ गई थी, तो यह बहुत बुरा नहीं था, लेकिन यह इतना बुरा नहीं था. लेकिन वहां से वापस आने के बाद जब मैं गोल्फ कोर्स में उतरी तो मुझे एहसास हुआ कि मैंने अपनी कितनी ताकत खो दी है. मुझे उम्मीद है कि मैं अगले कुछ महीनों में अपनी ताकत फिर से हासिल कर सकूंगी"

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