शिवसेना विधायक सदा सरवणकर
मुंबई:
गुरुवार का दिन शिवसेना नेताओं के लिए परेशानी भरा रहा। एक के बाद एक शिवसेना के 3 नेता, जिसमें 2 तो विधायक हैं, विवादों में घिर गए। यवतमाल ज़िला परिषद सदस्य प्रवीण शिंदे और मुंबई स्थित माहीम विधानसभा से विधायक सदा सरवणकर का नाम पिटाई के मामले में विवादों में आया है। इसके अलावा जलगांव के शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटील की जमानत रद्द होने पर उन्हें पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
यवतमाल में सेंट्रल बैंक की आर्णी ब्रांच में किसान को फसल बीमा दिलाने में आने वाली दिक्कतों पर बात करने शिवसेना के ज़िला परिषद सदस्य प्रवीण शिंदे ब्रांच मैनेजर के दफ़्तर पहुंचे थे। बातचीत के दौरान शिंदे ने अपना आपा खो दिया और वहां उपस्थित रवि राठौड़ नामक बैंक कर्मचारी को तमाचा जड़ दिया। इसके बाद शिंदे के साथ आए शिवसैनिक ने राठौड़ की और पिटाई कर दी। इस मामले में अब तक पुलिस के पास कोई शिकायत दर्ज़ नहीं की गई है।
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देखें वीडियो
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दूसरा मामला
दूसरे मामले में मुंबई की माहीम विधानसभा के शिवसेना विधायक सदा सरवणकर को इलाके के वोटरों से बातचीत के दौरान अचानक इतना गुस्सा आया कि उन्होंने एक को थप्पड़ जड़ दिया। सरवणकर अपने इलाके में बने एक ट्रांजिट कैंप में रहने वाले लोगों से उनके घर खाली करवाने गए थे। लोगों ने इस बात का विरोध किया।
जिस वजह से दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। इस वाकये को मोबाइल पर फिल्माए जाना विधायक को पसंद नहीं आया। सो गुस्से में उन्होंने एक थप्पड़ जड़ते हुए मोबाइल नीचे गिरा दिया। इस बीच विधायक की थप्पड़ से वहां उपस्थित महिला को भी चोट आने की बात बताई जा रही है।
इस मामले में भी पुलिस शिकायत नहीं हुई है। हालांकि विपक्षी दल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता संदीप देशपांडे ने विधायक पर कार्रवाई की मांग की है। देशपांडे ने मीडिया से बात करते हुए सवाल उठाया कि शिवसेना का ये कैसा विधायक है जो अपने ही वोटरों पर हाथ छोड़ता है। इस मामले पर शिवसेना विधायक सदा सरवणकर से प्रतिक्रिया जानने के लिए मोबाइल पर संपर्क किया गया। लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए।
तीसरा मामला
एक और मामले में शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटील को गुरुवार को पुलिस हिरासत में भेजा गया। पाटील पर आरोप है की उन्होंने मृत निदेशकों के झूठे हस्ताक्षर कर जलगांव तहसील स्थित पद्मालय शिक्षा संस्था में अनियमितताएं बरती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में पाटील की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज की थी।
जिसके बाद जलगाव एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में विधायक पाटील आए। उन्हें गिरफ्तार करने के बाद सीने में दर्द की शिकायत के चलते शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटील को ज़िला अस्तपाल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
उधर शिवसेना प्रवक्ता नीलम गोऱ्हे ने केवल यवतमाल की घटना का निषेध करते हुए पुलिस कार्रवाई का स्वागत किया है। इसी के साथ गोऱ्हे ने सवाल उठाया है कि राष्ट्रीय बैंकों से किसानों को मिलने वाले कर्ज़ को लेकर आने वाली परेशानियां भयंकर रूप अख्तियार कर चुकी हैं। ये किसान आत्महत्याओं की एक प्रमुख वजह भी है। शिवसेना नेता का गुस्सा इन्ही कारणों की वजह से था।
यवतमाल में सेंट्रल बैंक की आर्णी ब्रांच में किसान को फसल बीमा दिलाने में आने वाली दिक्कतों पर बात करने शिवसेना के ज़िला परिषद सदस्य प्रवीण शिंदे ब्रांच मैनेजर के दफ़्तर पहुंचे थे। बातचीत के दौरान शिंदे ने अपना आपा खो दिया और वहां उपस्थित रवि राठौड़ नामक बैंक कर्मचारी को तमाचा जड़ दिया। इसके बाद शिंदे के साथ आए शिवसैनिक ने राठौड़ की और पिटाई कर दी। इस मामले में अब तक पुलिस के पास कोई शिकायत दर्ज़ नहीं की गई है।
शिवसेना के एक नेता ने बैंक कर्मचारी को थप्पड़ जड़ दिया
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दूसरा मामला
दूसरे मामले में मुंबई की माहीम विधानसभा के शिवसेना विधायक सदा सरवणकर को इलाके के वोटरों से बातचीत के दौरान अचानक इतना गुस्सा आया कि उन्होंने एक को थप्पड़ जड़ दिया। सरवणकर अपने इलाके में बने एक ट्रांजिट कैंप में रहने वाले लोगों से उनके घर खाली करवाने गए थे। लोगों ने इस बात का विरोध किया।
जिस वजह से दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। इस वाकये को मोबाइल पर फिल्माए जाना विधायक को पसंद नहीं आया। सो गुस्से में उन्होंने एक थप्पड़ जड़ते हुए मोबाइल नीचे गिरा दिया। इस बीच विधायक की थप्पड़ से वहां उपस्थित महिला को भी चोट आने की बात बताई जा रही है।
इस मामले में भी पुलिस शिकायत नहीं हुई है। हालांकि विपक्षी दल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता संदीप देशपांडे ने विधायक पर कार्रवाई की मांग की है। देशपांडे ने मीडिया से बात करते हुए सवाल उठाया कि शिवसेना का ये कैसा विधायक है जो अपने ही वोटरों पर हाथ छोड़ता है। इस मामले पर शिवसेना विधायक सदा सरवणकर से प्रतिक्रिया जानने के लिए मोबाइल पर संपर्क किया गया। लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए।
तीसरा मामला
एक और मामले में शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटील को गुरुवार को पुलिस हिरासत में भेजा गया। पाटील पर आरोप है की उन्होंने मृत निदेशकों के झूठे हस्ताक्षर कर जलगांव तहसील स्थित पद्मालय शिक्षा संस्था में अनियमितताएं बरती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में पाटील की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज की थी।
जिसके बाद जलगाव एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में विधायक पाटील आए। उन्हें गिरफ्तार करने के बाद सीने में दर्द की शिकायत के चलते शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटील को ज़िला अस्तपाल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
उधर शिवसेना प्रवक्ता नीलम गोऱ्हे ने केवल यवतमाल की घटना का निषेध करते हुए पुलिस कार्रवाई का स्वागत किया है। इसी के साथ गोऱ्हे ने सवाल उठाया है कि राष्ट्रीय बैंकों से किसानों को मिलने वाले कर्ज़ को लेकर आने वाली परेशानियां भयंकर रूप अख्तियार कर चुकी हैं। ये किसान आत्महत्याओं की एक प्रमुख वजह भी है। शिवसेना नेता का गुस्सा इन्ही कारणों की वजह से था।
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