विज्ञापन
This Article is From Aug 29, 2016

रिश्वत की रकम जुटाने के लिए भीख मांगने बैठ गया किसान का बेटा, वीडियो हुआ वायरल

रिश्वत की रकम जुटाने के लिए भीख मांगने बैठ गया किसान का बेटा, वीडियो हुआ वायरल
चेन्नई: एक वीडियो, जिसमें एक किशोर बालक तमिलनाडु स्थित अपने गांव की गलियों में भीख मांगता दिखाई दे रहा है, वायरल हो गया है... दरअसल, के. अजित कुमार को 3,000 रुपये जुटाने थे, क्योंकि एक स्थानीय अधिकारी ने अजित के किसान पिता की मौत के बाद परिवार को मिलने वाले मुआवज़े की राशि उन्हें देने के लिए रिश्वत की मांग की थी...

रिश्वतखोरी की पोल खोलने वाले के. अजित कुमार के इस कारनामे की बदौलत अधिकारी को हटा दिया गया, और उसके परिवार को वह रकम मिल गई, जिस पर उनका हक था... उनके बैंक खाते में 12,500 रुपये सोमवार को ट्रांसफर कर दिए गए...

के. अजित कुमार का कहना है, "उसकी पोल खुलनी ही चाहिए थी... मुझे इस बात से बहुत तकलीफ हुई थी कि वह सभी से पैसे मांगता था..." अजित का दावा है कि मर चुके किसानों के परिवारों को एक सरकारी योजना के तहत दिए जाने वाले मुआवज़े के लिए पहली बार अर्ज़ी देते वक्त उसकी मां 3,000 रुपये की रिश्वत दे चुकी थीं...

अजित के पिता का देहांत पिछले साल फरवरी में गुर्दे खराब हो जाने के कारण हुआ था, और उसके परिवार को अपने हक का पैसा हासिल करने में 15 महीने लग गए...

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 250 किलोमीटर की दूरी पर बसे उलंडरपेट (Ulundurpet) गांव में रहने वाले अजित जैसी ही कहानियां गांव के अन्य कई घरों में भी सुनने को मिल रही हैं...

45-वर्षीय विकलांग के. बाबू को सरकार की ओर से 1,000 रुपये मासिक का स्टाइपेंड दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन वह रकम उसे कभी हासिल नहीं हुई, क्योंकि अजित के मामले को देख रहे अधिकारी के पास ही उनका मामला है, और वह रिश्वत मांगता है... के. बाबू ने कहा, "पहले उसने 10,000 रुपये मांगे थे, और फिर उसने कहा, 'अगर तुम कम से कम 3,000 रुपये दे दो, तो तुम्हें तुम्हारे पैसे मिल जाएंगे...'"

उनके अलावा अपने पोते के साथ रह रहे एस. लक्ष्मी और मधुमेह (डायबिटीज़) से पीड़ित उनके पति का कहना है कि वे अपने घर को अपने नाम रजिस्टर करवाना चाहते हैं, लेकिन "वह 5,000 रुपये मांगता है... हम तो वापस आ गए... हमारे जैसे गरीब लोग कर भी क्या सकते हैं...?"

उधर, अधिकारी एम. कुन्नतूर, जिसके बारे में गांववालों ने कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत की है, ने अपने वरिष्ठों के समक्ष इन आरोपों को खारिज किया है... रिवेन्यू डिवीज़नल ऑफिसर एम. सेंतमराई ने कहा कि अजित ने कथित रूप से उसके परिवार के लिए बनने वाला चेक उसके खुद के नाम से बना देने के लिए कहा था... अधिकारी ने कहा, "हम चेक सिर्फ उसी के नाम देते हैं, जिसके नाम से अर्ज़ी हो, जैसे इस मामले में अजित की मां... और उनके बैंक खाते की जानकारी उपलब्ध नहीं थी..."

अन्य अधिकारियों ने बताया कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए ऑनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है, लेकिन गांववालों का कहना है कि उन अर्ज़ियों के साथ भी फॉर्म लगाने पड़ते हैं, जिन पर अधिकारियों के दस्तखत ज़रूरी होते हैं, और बस, वहीं से रिश्वत की मांग शुरू हो जाती है...

अजित के एक रिश्तेदार थम्बीदुरई ने कहा, "इस सिस्टम को बदलना ही होगा... इससे ई-गवर्नेंस का पूरा मकसद ही पिट जाता है..."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com