हरीश रावत (फाइल फोटो)
देहरादून:
देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पद यात्रा पर शनिवार को कुछ उत्पातियों ने पथराव कर दिया। सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में चार थानों की पुलिस और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे तब कहीं जाकर हालात पर काबू पाया जा सका।
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद हरीश रावत जनता को हकीकत से रूबरू कराने के लिए पदयात्रा पर हैं। पदयात्रा के दूसरे दिन आज जीएमएस रोड पर रावत को काले झंडे दिखाए गए इस दौरान दोनों और से हुई गरमा गर्मी के बीच कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके चलते अफरा तफरी मच गई। मौके पर पुलिस की गैरमौजूदगी के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
सुरक्षा के लिए नहीं था कोई पुलिस कर्मी
शनिवार को हरीश रावत अपने समर्थकों के साथ जीएमएस रोड शो के लिए तैयार हुए ही थे कि वहां आए भाजपाइयों ने उन्हें काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए। इसके बाद अचानक पथराव शुरू हो गया। जिस समय यह घटना घटी, हरीश रावत के साथ सुरक्षा के नाम पर कोई पुलिस वाला नहीं था। इस बीच भीड़ ने हरीश रावत की गाड़ी पर भी पत्थर मारने शुरू कर दिए। इसके बाद कांग्रेसियों ने रावत की गाड़ी को घेरकर भीड़ से बाहर निकाला। रावत इस घटना के बाद पूर्व निर्धारित सभा स्थल पर पहुंचे और जनता के सामने अपना दर्द बयां किया।
एसएसपी ने जांच के आदेश दिए
देहरादून के एसएसपी ने इस घटना को लेकर कहा कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उत्तराखंड में राजनीति क्या करवट बदलेगी यह तो समय बताएगा लेकिन आज के वाकये के बाद यह साफ हो गया कि सूबे में अब हालात पश्चिम बंगाल जैसे होने वाले हैं। देवभूमि में अब कांग्रेस, भाजपा व बागी घोषित विधायक आमने-सामने हैं। किसी भी हालत में सत्ता पर काबिज होने की चाहत में यह लोग राजनीति को इतने निम्न स्तर पर ले आए हैं कि जुबानी जंग के बाद अब नौबत मार पिटाई तक आ पहुंची है।
राष्ट्रपति शासन लगने के बाद हरीश रावत जनता को हकीकत से रूबरू कराने के लिए पदयात्रा पर हैं। पदयात्रा के दूसरे दिन आज जीएमएस रोड पर रावत को काले झंडे दिखाए गए इस दौरान दोनों और से हुई गरमा गर्मी के बीच कुछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया जिसके चलते अफरा तफरी मच गई। मौके पर पुलिस की गैरमौजूदगी के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
सुरक्षा के लिए नहीं था कोई पुलिस कर्मी
शनिवार को हरीश रावत अपने समर्थकों के साथ जीएमएस रोड शो के लिए तैयार हुए ही थे कि वहां आए भाजपाइयों ने उन्हें काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए। इसके बाद अचानक पथराव शुरू हो गया। जिस समय यह घटना घटी, हरीश रावत के साथ सुरक्षा के नाम पर कोई पुलिस वाला नहीं था। इस बीच भीड़ ने हरीश रावत की गाड़ी पर भी पत्थर मारने शुरू कर दिए। इसके बाद कांग्रेसियों ने रावत की गाड़ी को घेरकर भीड़ से बाहर निकाला। रावत इस घटना के बाद पूर्व निर्धारित सभा स्थल पर पहुंचे और जनता के सामने अपना दर्द बयां किया।
एसएसपी ने जांच के आदेश दिए
देहरादून के एसएसपी ने इस घटना को लेकर कहा कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उत्तराखंड में राजनीति क्या करवट बदलेगी यह तो समय बताएगा लेकिन आज के वाकये के बाद यह साफ हो गया कि सूबे में अब हालात पश्चिम बंगाल जैसे होने वाले हैं। देवभूमि में अब कांग्रेस, भाजपा व बागी घोषित विधायक आमने-सामने हैं। किसी भी हालत में सत्ता पर काबिज होने की चाहत में यह लोग राजनीति को इतने निम्न स्तर पर ले आए हैं कि जुबानी जंग के बाद अब नौबत मार पिटाई तक आ पहुंची है।
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