चेन्नई:
तमिलनाडु में एक श्रीलंकाई शरणार्थी कैम्प में एक अफसर ने एक शरणार्थी से कथित रूप से कहा, 'बिजली के खंभे पर चढ़ जा, और मर जा...', और शरणार्थी ने सचमुच वही कर डाला।
बताया जाता है कि मदुरै के एक शरणार्थी कैम्प में 48-वर्षीय रवींद्रन ने राजस्व अधिकारी (रिवेन्यू ऑफिसर) से अनुरोध किया था कि वह उसके अस्पताल में दाखिल बेटे को गैरहाज़िर न लिखे, वरना उसके हिस्से का खाना नहीं मिल पाएगा।
इस पर अधिकारी ने कथित रूप से रवींद्रन के अनुरोध और उसके बेटे के अस्पताल में दाखिल होने के सबूत के तौर पर पेश की गई मेडिकल स्लिप को नज़रअंदाज़ कर दिया, और उसे गैरहाज़िर ही दर्ज किया।
गवाहों का आरोप है कि निरीक्षण के लिए कैम्प में पहुंचे अफसर ने बहस के दौरान रवींद्रन से कहा, "बिजली के खंभे पर चढ़ जा, और मर जा..." इसके बाद रवींद्रन ने कथित रूप से बिजली के हाई-टेंशन तार को छू लिया, और कुछ ही सेकंड में मर गया।
रवींद्रन की मौत के बाद गुस्साए निवासियों ने अफसर को घेर लिया, जिसे पुलिस ने आकर बचाया। कैम्प में मौजूद बाकी लोगों ने घंटों विरोध प्रदर्शन किया, और रवींद्रन को कथित रूप से आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में अफसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विजयेंद्र बिदारी ने बताया, "पोस्टमार्टम के बाद ही (रवींद्रन के) मरने की वजह की पुष्टि कर पाएंगे..."
रवींद्रन दिहाड़ी मजदूर था, जो लगभग 26 साल पहले शरणार्थी के रूप में भारत आया था।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
बताया जाता है कि मदुरै के एक शरणार्थी कैम्प में 48-वर्षीय रवींद्रन ने राजस्व अधिकारी (रिवेन्यू ऑफिसर) से अनुरोध किया था कि वह उसके अस्पताल में दाखिल बेटे को गैरहाज़िर न लिखे, वरना उसके हिस्से का खाना नहीं मिल पाएगा।
इस पर अधिकारी ने कथित रूप से रवींद्रन के अनुरोध और उसके बेटे के अस्पताल में दाखिल होने के सबूत के तौर पर पेश की गई मेडिकल स्लिप को नज़रअंदाज़ कर दिया, और उसे गैरहाज़िर ही दर्ज किया।
गवाहों का आरोप है कि निरीक्षण के लिए कैम्प में पहुंचे अफसर ने बहस के दौरान रवींद्रन से कहा, "बिजली के खंभे पर चढ़ जा, और मर जा..." इसके बाद रवींद्रन ने कथित रूप से बिजली के हाई-टेंशन तार को छू लिया, और कुछ ही सेकंड में मर गया।
रवींद्रन की मौत के बाद गुस्साए निवासियों ने अफसर को घेर लिया, जिसे पुलिस ने आकर बचाया। कैम्प में मौजूद बाकी लोगों ने घंटों विरोध प्रदर्शन किया, और रवींद्रन को कथित रूप से आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में अफसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विजयेंद्र बिदारी ने बताया, "पोस्टमार्टम के बाद ही (रवींद्रन के) मरने की वजह की पुष्टि कर पाएंगे..."
रवींद्रन दिहाड़ी मजदूर था, जो लगभग 26 साल पहले शरणार्थी के रूप में भारत आया था।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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