अपनी मां के साथ वाजिद शेख।
मुंबई:
मालवणी में अपने घर से गायब 4 युवकों में से एक वाजिद शेख को महाराष्ट्र एटीएस ने मंगलवार को पुणे से खोज निकाला। प्राथमिक पूछताछ में आतंकी संगठन ISIS से सीधे कोई संबंध न मिलता देख एटीएस ने उसे देर रात घर जाने दिया। हालांकि सुबह उसे अज्ञात स्थान पर लेजाकर पूछताछ की गई।
15 दिसंबर को अचानक गायब हुए युवक
मालवणी का वाजिद शेख 15 दिसंबर को अचानक घर छोड़कर चला गया था। उसी दिन इलाके के 2 और युवक मोहसिन शेख और नूर भी गायब हो गए थे। सभी के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़ने की खबर इस कदर फैली कि एजेंसियों के भी हाथ पैर फूल गए। जोरशोर से तलाशी शुरू हुई। 11 दिन बाद मिला भी तो सिर्फ वाजिद शेख। घर वालों के लिए राहत की बात यह है कि उनके बेटे का आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं मिला।
पुणे से हैदराबाद होकर चेन्नई पहुंच गए थे
सवाल है कि फिर लड़के इस तरह अचानक भागे क्यों ? इसका सीधा जवाब एटीएस के पास भी नहीं है। पुणे एटीएस के एसीपी भानुप्रताप बर्गे सिर्फ इतना बता पाए कि 15 दिसंबर को गायब हुए मोहसिन शेख, वाजिद शेख और नूर पुणे से कर्नाटक, हैदराबाद होते हुए चेन्नई पहुंचे थे। वहां उनके आतंकी संगठन से जुड़ने की खबर देख वाजिद ने घर वापस आने का फैसला किया। पुणे के रास्ते मुंबई आते हुए कात्रज के पास एटीएस ने उसे रोका। प्राथमिक जांच में उसका किसी भी आतंकी संगठन से कोई भी कनेक्शन नहीं मिला, इसलिए मालवणी पुलिस के जरिए उसे घर छोड़ दिया गया।
पता चला है कि वाजिद ने पैसों के बंदोबस्त के लिए अपनी बीवी फातिमा के गहने तक बेचे थे। गहनों को बेचकर मिले 18 हजार 500 रुपये में से वाजिद ने अपनी पत्नी को केवल 500 रुपए दिए और बाकी के खुद लेकर चला गया।
वाजिद की वापसी से अन्य युवकों के परिजन भी आशान्वित
वाजिद के परिजन खुश हैं कि उनका बेटा सकुशल घर वापस आ गया। वाजिद के आने के बाद मोहसिन शेख और नूर के घर वालों की भी उम्मीद जगी है। लेकिन अयाज़ सुल्तान का मामला अलग है। एसीपी भानुप्रताप बर्गे के मुताबिक वाजिद ने पूछताछ में बताया है कि अयाज़ आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को लेकर बहुत सजग रहता था। उसमें क्या चल रहा है, गलत है या सही, इस पर वह लगातर अपनी राय रखता था। हमारी नजर में वह कट्टरपंथी है। उसके पास पासपोर्ट था और घर से एक लाख रुपये भी लेकर निकला था, इसलिए शक है कि वह देश से बाहर जाने में कामयाब हो गया होगा।
जेहाद की जानाकारियां साझा करते थे
मालवणी से गायब लड़कों का भले ही अभी ISIS से सीधा कनेक्शन नहीं है लेकिन वे उससे प्रभावित जरूर हैं। पता चला है कि लड़कों ने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया था जिसमें वे लगातार जेहादी और ISIS से जुड़ी जानकारियां शेयर करते रहे। अब एटीएस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं कोई इन्हें बरगला तो नहीं रहा था। आतंकी भाषा में ऐसे शख्स को ट्रिगर कहते हैं।
15 दिसंबर को अचानक गायब हुए युवक
मालवणी का वाजिद शेख 15 दिसंबर को अचानक घर छोड़कर चला गया था। उसी दिन इलाके के 2 और युवक मोहसिन शेख और नूर भी गायब हो गए थे। सभी के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़ने की खबर इस कदर फैली कि एजेंसियों के भी हाथ पैर फूल गए। जोरशोर से तलाशी शुरू हुई। 11 दिन बाद मिला भी तो सिर्फ वाजिद शेख। घर वालों के लिए राहत की बात यह है कि उनके बेटे का आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं मिला।
पुणे से हैदराबाद होकर चेन्नई पहुंच गए थे
सवाल है कि फिर लड़के इस तरह अचानक भागे क्यों ? इसका सीधा जवाब एटीएस के पास भी नहीं है। पुणे एटीएस के एसीपी भानुप्रताप बर्गे सिर्फ इतना बता पाए कि 15 दिसंबर को गायब हुए मोहसिन शेख, वाजिद शेख और नूर पुणे से कर्नाटक, हैदराबाद होते हुए चेन्नई पहुंचे थे। वहां उनके आतंकी संगठन से जुड़ने की खबर देख वाजिद ने घर वापस आने का फैसला किया। पुणे के रास्ते मुंबई आते हुए कात्रज के पास एटीएस ने उसे रोका। प्राथमिक जांच में उसका किसी भी आतंकी संगठन से कोई भी कनेक्शन नहीं मिला, इसलिए मालवणी पुलिस के जरिए उसे घर छोड़ दिया गया।
पता चला है कि वाजिद ने पैसों के बंदोबस्त के लिए अपनी बीवी फातिमा के गहने तक बेचे थे। गहनों को बेचकर मिले 18 हजार 500 रुपये में से वाजिद ने अपनी पत्नी को केवल 500 रुपए दिए और बाकी के खुद लेकर चला गया।
वाजिद की वापसी से अन्य युवकों के परिजन भी आशान्वित
वाजिद के परिजन खुश हैं कि उनका बेटा सकुशल घर वापस आ गया। वाजिद के आने के बाद मोहसिन शेख और नूर के घर वालों की भी उम्मीद जगी है। लेकिन अयाज़ सुल्तान का मामला अलग है। एसीपी भानुप्रताप बर्गे के मुताबिक वाजिद ने पूछताछ में बताया है कि अयाज़ आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को लेकर बहुत सजग रहता था। उसमें क्या चल रहा है, गलत है या सही, इस पर वह लगातर अपनी राय रखता था। हमारी नजर में वह कट्टरपंथी है। उसके पास पासपोर्ट था और घर से एक लाख रुपये भी लेकर निकला था, इसलिए शक है कि वह देश से बाहर जाने में कामयाब हो गया होगा।
जेहाद की जानाकारियां साझा करते थे
मालवणी से गायब लड़कों का भले ही अभी ISIS से सीधा कनेक्शन नहीं है लेकिन वे उससे प्रभावित जरूर हैं। पता चला है कि लड़कों ने एक वाट्सएप ग्रुप बनाया था जिसमें वे लगातार जेहादी और ISIS से जुड़ी जानकारियां शेयर करते रहे। अब एटीएस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं कोई इन्हें बरगला तो नहीं रहा था। आतंकी भाषा में ऐसे शख्स को ट्रिगर कहते हैं।
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