मुंबई की हाजी अली दरगाह
नई दिल्ली:
मुंबई के हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक अगली सुनवाई तक के लिए बढ़ा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दरगाह के एक प्वाइंट तक पुरुषों को जाने की इजाजत है और महिलाओं को नहीं तो ये दिक्कत की बात है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि दरगाह को प्रोग्रेसिव स्टैंड के साथ सुप्रीम कोर्ट में आना चाहिए. कोर्ट ने पूछा कि सबरीमाला मंदिर मामले में इस मामले में क्या अंतर है.
मुंबई की हाजी अली दरगाह के भीतरी भाग तक महिलाओं को जाने की इजाज़त के बॉम्बे हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को 2015 को महिलाओं के जाने पर लगी पाबंदी को असंवैधानिक बताते हुए हटा दिया था. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दरगाह जाने वाली महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है. 2011 तक महिलाओं के प्रवेश पर यहां कोई पांबदी नहीं थी. लेकिन, 2012 में दरगाह मैनेजमेंट ने यह कहते हुए महिलाओं की एंट्री पर रोक लगा दी थी कि शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर-इस्लामी है.
हाजी अली दरगाह न्यास इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना चाहता था और न्यास की ओर से दायर याचिका के कारण हाईकोर्ट ने अपने इस आदेश पर छह हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दरगाह के एक प्वाइंट तक पुरुषों को जाने की इजाजत है और महिलाओं को नहीं तो ये दिक्कत की बात है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि दरगाह को प्रोग्रेसिव स्टैंड के साथ सुप्रीम कोर्ट में आना चाहिए. कोर्ट ने पूछा कि सबरीमाला मंदिर मामले में इस मामले में क्या अंतर है.
मुंबई की हाजी अली दरगाह के भीतरी भाग तक महिलाओं को जाने की इजाज़त के बॉम्बे हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को 2015 को महिलाओं के जाने पर लगी पाबंदी को असंवैधानिक बताते हुए हटा दिया था. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दरगाह जाने वाली महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है. 2011 तक महिलाओं के प्रवेश पर यहां कोई पांबदी नहीं थी. लेकिन, 2012 में दरगाह मैनेजमेंट ने यह कहते हुए महिलाओं की एंट्री पर रोक लगा दी थी कि शरिया कानून के मुताबिक, महिलाओं का कब्रों पर जाना गैर-इस्लामी है.
हाजी अली दरगाह न्यास इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देना चाहता था और न्यास की ओर से दायर याचिका के कारण हाईकोर्ट ने अपने इस आदेश पर छह हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी.
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