श्रीपद येसो नाइक (फाइल फोटो)
इंदौर:
केंद्र सरकार ने पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों के व्यवस्थित प्रसार के लिये अगले 10 साल के भीतर देश के हर जिले में आयुष अस्पताल खोलने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘हम आयुष चिकित्सा पद्धतियों को देश के कोने-कोने में फैलाना चाहते हैं. राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत अगले 10 वर्षों में देश के हर जिले में 50-50 बिस्तरों के अस्पताल शुरू करने की योजना पर काम शुरू हो गया है.’ उन्होंने बताया कि अलग-अलग राज्यों से उनके मंत्रालय को अब तक मिले सभी 66 प्रस्तावों को मंजूरी देकर आयुष अस्पतालों के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की गई है.
इसके साथ ही, देश में 992 'योगा वेलनेस सेंटरों' का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है और 100 'योगा पार्कों' के विकास की तैयारी की गई है. नाइक ने बताया कि केंद्र ने आयुष मिशन के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 1117.34 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद भेजी है.
यह भी पढ़ें : दिल्ली में अगले तीन महीने में खोला जाएगा एम्स की तरह आयुष अस्पताल: श्रीपद नाइक
आयुष मंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन 'आरोग्य भारती' के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल की बैठक के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए. भागवत ने कार्यक्रम में जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य मनुष्यों की प्राथमिक जरूरतों में शामिल हैं.
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आम आदमी के लिए इलाज सस्ता और सुलभ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पश्चिमी जगत की चिकित्सा पद्धतियां मुख्यत: बीमारियों के इलाज पर केंद्रित हैं, जबकि भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों के मूल में यह अवधारणा है कि लोग हमेशा निरोगी बने रहें. भागवत ने हालांकि कहा कि सारी चिकित्सा पद्धतियों के जानकारों को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि आम लोगों के लिये हितकारी चिकित्सा को सुलभ बनाया जा सके
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इसके साथ ही, देश में 992 'योगा वेलनेस सेंटरों' का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है और 100 'योगा पार्कों' के विकास की तैयारी की गई है. नाइक ने बताया कि केंद्र ने आयुष मिशन के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 1117.34 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद भेजी है.
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आयुष मंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन 'आरोग्य भारती' के अखिल भारतीय प्रतिनिधि मंडल की बैठक के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए. भागवत ने कार्यक्रम में जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य मनुष्यों की प्राथमिक जरूरतों में शामिल हैं.
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आम आदमी के लिए इलाज सस्ता और सुलभ होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पश्चिमी जगत की चिकित्सा पद्धतियां मुख्यत: बीमारियों के इलाज पर केंद्रित हैं, जबकि भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों के मूल में यह अवधारणा है कि लोग हमेशा निरोगी बने रहें. भागवत ने हालांकि कहा कि सारी चिकित्सा पद्धतियों के जानकारों को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि आम लोगों के लिये हितकारी चिकित्सा को सुलभ बनाया जा सके
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