मध्य प्रदेश के 52 में से 50 ज़िलों में धारा 144 लगा दी गई है, बावजूद इसके शुक्रवार को जबलपुर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. जिसके बाद जिला प्रशासन ने चार पुलिस थानों अधारताल, हनुमंतलाल, गोहलपुर और कोतवाली में कर्फ्यू लगा दिया. जुमे की नमाज के बाद मदार टेकरी इलाके में भीड़ कलेक्टर दफ्तर की तरफ बढ़ने लगी पुलिस ने उन्हें रोका तो वो उग्र हो गए और पथराव शुरू कर दिया. अचानक हुए इस पथराव में 10 पुलिसकर्मी घायल हो गये. भीड़ को खदेड़ने के लिये पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी भांजकर प्रदर्शनकारियों को पीछे खदेड़ दिया. पथराव में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, कई वाहनों सहित कुछ पुलिस वाहनों को भी भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया है.
आश्चर्यजनक रूप से, पुलिस और वाहनों पर पथराव करने वालों में नाबालिग भी शामिल थे. एसपी जबलपुर अमित सिंह ने कहा, "7 से 15 साल के बच्चे और किशोर, जिन्हें एनआरसी या सीएए के बारे में कोई जानकारी नहीं है, उन्होंने पुलिस के जवानों पर पथराव किया गया, लेकिन सशस्त्र पुलिस के जवानों ने फायरिंग का सहारा नहीं लिया. हम हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगे. हमने उन सभी लोगों की पहचान की है जो हिंसा में लिप्त हैं, जिनमें लड़के और उनके अभिभावक शामिल हैं. इन सभी पर हिंसा और दंगा भड़काने का मामला दर्ज किया जाएगा.
इधर राजधानी भोपाल में भी प्रदर्शनकारियों ने एनआरसी और सीएए के विरोध में नारे लगाए, लेकिन शहर शांतिपूर्ण रहा. भोपाल शहर के विभिन्न हिस्सों में शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं. मध्यप्रदेश पुलिस ने NRC और CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर एक निर्देश भी जारी किया जिसमें व्हाट्सएप ग्रुप प्रशासकों को कानून और व्यवस्था को प्रभावित करने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी ना आएं इसे सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. (जबलपुर से संजीव चौधरी के इनपुट के साथ)
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