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This Article is From Oct 14, 2017

रोहिंग्या पर संघ को षडयंत्र का शक़, दीपावली बैठक के बाद ज़ाहिर की मंशा

रोहिंग्या जम्मू कश्मीर और हैदराबाद में जाकर बसते हैं उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, बन गए हैं.

रोहिंग्या पर संघ को षडयंत्र का शक़, दीपावली बैठक के बाद ज़ाहिर की मंशा
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
  • भोपाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की दीपावली बैठक खत्म हो गई.
  • कल कोई यह भी सवाल उठा सकता है कि दीपावली पर दीप जलाने से प्रदूषण होता है.
  • बैठक में देशभर से 300 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया.
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नई दिल्ली: भोपाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की दीपावली बैठक खत्म हो गई, बैठक में मुख्यरूप से संगठन के काम-काज पर चर्चा हुई. पत्रकार गौरी लंकेश को श्रद्धांजलि देने के साथ देश में कई और अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, संघ इन मामलों को लेकर सुर्खियों में है क्योंकि माना जाता है कि बीजेपी सरकार को वैचारिक संजीवनी संघ देते हैं ऐसे में उसकी विचारधारा कई फैसलों को प्रभावित कर सकती है. आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक खत्म होने के बाद संघ को लगा कि रोहिंग्या देश में किसी साजिश के तहत आ सकते हैं, ऐसे में उनकी पृष्ठभूमि को समझना होगा.

सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा 'रोहिंग्या मुस्लिमों का मसला गंभीर प्रश्न है, हमें यह देखना होगा कि म्यांमार सरकार ने रोहिंग्या मुसलमान को निष्कासित क्यों किया. रोहिंग्या जम्मू कश्मीर और हैदराबाद में जाकर बसते हैं उनके आधार कार्ड पैन कार्ड वोटर आईडी भी बन गए हैं. इससे ऐसा लगता है कि वह आश्रय लेने नहीं आए बल्कि षड्यंत्र के तहत भारत में आए हैं. रोहिंग्या मुसलमानों को सीमाओं पर ही शरण देना चाहिए और समय रहते हैं उन्हें वापस कर देना चाहिए.'

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पटाखों पर दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध पर संघ का कहना है कि 'हर पटाखे से प्रदूषण नहीं होता. भैय्याजी जोशी ने कहा सभी पटाखे प्रदूषण फैलाने वाले नहीं होते हैं. यह सही बात है कि प्रदूषण फैलाने पर रोक लगनी चाहिए, लेकिन पटाखे आनंद का विषय हैं. कल कोई यह भी सवाल उठा सकता है कि दीपावली पर दीप जलाने से प्रदूषण होता है.'

नोटबंदी और जीएसटी के बाद अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार पर अपनी भारतीय मजदूर संघ जैसी अपनी अनुषांगिक इकाई की तरह संघ मुखर तो नहीं हुआ लेकिन सरकार को नसीहत जरूरत दी.

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समाज से आए सुझावों को ध्यान में लेकर शासन अनावश्यक कठोर ना बने, कुछ कदम उठाए . संगठन में विस्तार, नए सरकार्यवाह के चुनाव के प्रस्ताव पर विचार और प्रचारकों के फीडबैक के साथ भोपाल में एक दशक बाद आयोजित कार्यकारी मंडल की बैठक खत्म हो गई जिसमें देशभर से 300 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया.

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