बिलासपुर:
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नगर निगम ने खुले में शौच करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. लेकिन निगम के अमले ने खुले में शौच करने वालों के साथ जो किया वो सवालों के घेरे में है. ऐसे करीब दर्जन भर लोगों को सजा देने के तौर पर जंगले वाली गाड़ी में कैद कर शहर भर में घुमाया गया जिसका इस्तेमाल आवारा कुत्तों या दूसरे जानवरों को पकड़ कर शहर से बाहर छोड़ने के लिए किया जाता है. खुले में शौच करने पर 10 लोगों को बिलासपुर के शनिचरी रपटा, चौपाटी और रिवर व्यू रोड से पकड़ा गया. जानवर पकड़ने वाली गाड़ी में बिठाया गया शहर भर में घुमाया गया, फिर 15 किलोमीटर दूर काठाकोनी में छोड़कर गाड़ी लौट आई. हालांकि नगर निगम को ये अमानवीय नहीं लगता.
उप आयुक्त नगर निगम मिथिलेश अवस्थी ने कहा हमने उनके लिये सामुदायिक शौचालय के पास भी बनवाए हैं. हमारे कर्मचारी उनको जागरूक कर रहे हैं, खुले में शौच ना करें, शौचालय का उपयोग करें. विपक्ष इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बता रहा है. बिलासपुर नगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष शेख नसीरूद्दीन ने कहा जिस तरीके से ये पेश आए वो गलत है. आवारा पशुओं की गाड़ी में ले जाकर 10-15 किलोमीटर दूर छोड़ रहे हैं, डंडो से पीट रहे हैं ये अमानवीय है.
उधर लोगों का कहना है कि उनके पास उपाय नहीं हैं, सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी हैं, बच्चों के लिये वो असुरक्षित हैं. संविधान का अनुच्छेद 21 लोगों को जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता में राज्य के अतिक्रमण से बचाने की गारंटी देता है, सरकार 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त बनाना चाहती है, लेकिन कभी उसके लिये लोगों को निलंबित करना, कभी लाखों का जुर्माना गांव पर ठोकना, कभी जानवरों की गाड़ी में घुमाना लोगों को घुमाया जा रहा है.
उप आयुक्त नगर निगम मिथिलेश अवस्थी ने कहा हमने उनके लिये सामुदायिक शौचालय के पास भी बनवाए हैं. हमारे कर्मचारी उनको जागरूक कर रहे हैं, खुले में शौच ना करें, शौचालय का उपयोग करें. विपक्ष इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बता रहा है. बिलासपुर नगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष शेख नसीरूद्दीन ने कहा जिस तरीके से ये पेश आए वो गलत है. आवारा पशुओं की गाड़ी में ले जाकर 10-15 किलोमीटर दूर छोड़ रहे हैं, डंडो से पीट रहे हैं ये अमानवीय है.
उधर लोगों का कहना है कि उनके पास उपाय नहीं हैं, सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी हैं, बच्चों के लिये वो असुरक्षित हैं. संविधान का अनुच्छेद 21 लोगों को जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता में राज्य के अतिक्रमण से बचाने की गारंटी देता है, सरकार 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त बनाना चाहती है, लेकिन कभी उसके लिये लोगों को निलंबित करना, कभी लाखों का जुर्माना गांव पर ठोकना, कभी जानवरों की गाड़ी में घुमाना लोगों को घुमाया जा रहा है.
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