कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजा. इस्तीफा पत्र पर तिथि नौ मार्च की है. उन्होंने कहा, 'अपने राज्य और देश के लोगों की सेवा करना मेरा हमेशा से मकसद रहा है. मैं इस पार्टी में रहकर अब यह करने में अक्षम में हूं.' ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि मेरा मानना है कि सबसे अच्छा यह है कि मैं अब एक नयी शुरूआत के साथ आगे बढूं. सिंधिया के भाजपा में जाने की संभावना है. उनके कांग्रेस छोड़ने से अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है.
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया गया है.
Delhi: Jyotiraditya Scindia arrives at his residence after meeting PM Narendra Modi and HM Amit Shah. Scindia has tendered his resignation to Congress President Sonia Gandhi pic.twitter.com/o9Fscq1wNm
— ANI (@ANI) March 10, 2020
इससे पहले मध्य प्रदेश में जारी सियासी घटनाक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. ऐसे संकेत मिले हैं कि वह मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने के लिये भाजपा से हाथ मिला सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी के साथ सिंधिया की बैठक लगभग एक घंटे तक चली. आज शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हो सकती है.
भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने सिंधिया के इस्तीफे पर कहा, “वह बड़े नेता हैं, सौम्य नेता हैं, अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है.” प्रदेश सरकार में कांग्रेस के कई मंत्रियों सहित 12 से अधिक विधायकों के बेंगलूर जाने की खबर हैं. इन विधायकों के कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थक बताया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि ये विधायक इस्तीफा दे सकते हैं जिससे कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जायेगी.
PM मोदी और अमित शाह से मुलाकात के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा
मध्य प्रदेश में यह राजनीतिक स्थिति ऐसे समय में उत्पन्न हुई है जब प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. सिंधिया समर्थक विधायकों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपनी अनदेखी से क्षुब्ध हैं.
सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस मामले में संसदीय दल की बैठक बुला सकती है. भाजपा ने आज ही भोपाल में पार्टी विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. सूत्रों ने बताया कि यह बैठक मंगलवार शाम छह बजे आहूत की गई है और भाजपा ने अपने सभी 107 विधायकों को इसमें शामिल होने के लिए कहा है.
इससे पहले सोमवार रात को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मुलाकात की थी. सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच यह बैठक करीब दो घंटे चली. समझा जाता है कि इस बैठक में मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा हुई. इससे पहले शिवराज सिंह ने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मुलाकात की. शिवराज आज सुबह भोपाल पहुंच गए हैं.
वीडियो: मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी फेरबदल
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