मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच, विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने भी मंगलवार शाम को राज्यपाल लालजी टंडन को खत लिखा है, जिसमें उन्होंने गुज़ारिश की है कि वो 16 विधायकों की सुरक्षित वापसी के लिए कुछ ठोस कदम उठाएं. अपने पत्र में उन्होंने लिखा, "16 माननीय सदस्यों के त्यागपत्र अन्य लोगों के माध्यम से मुझे प्राप्त हुए. मध्यप्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 276-1(ख) के अंतर्गत इन्हें समक्ष में उपस्थित होने के निर्देश दिये गये किन्तु एक भी सदस्य उपस्थित नहीं हुआ, परिणामत इनके त्यागपत्र का प्रकरण मेरे समक्ष विचाराधीन है. दिनांक 16-3-2020 को आहूत विधानसभा के सत्र में भी उक्त माननीय सदस्य अनुपस्थित रहे. इन विधायकों में से कुछ के परिजनों ने संबंधित विधायकों की सुरक्षा और सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की है, विधानसभा का पीठासीन प्रमुख होने के नाते मैं अपने इन सदस्यों के लापता होने को लेकर बेहद चिंतित हूं.
अब मप्र विधानसभा के स्पीकर ने राज्यपाल को खत लिखकर @INCMP के " लापता" विधायकों की वापसी का अनुरोध किया @BJP4India @BJP4MP @ndtvindia pic.twitter.com/C9GzpZEU54
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) March 17, 2020
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उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप प्रदेश के कार्यकारी प्रमुख एवं अभिभावक होने के नाते उक्त सभी लापता विधायकों के परिवारजनों की उपरोक्त शंकाओं के निराकरण एवं समाधान हेतु लापता विधायकों की वापसी सुनिश्चित कराने की दिशा में ठोस कदम उठाकर मेरी और उन सदस्यों के परिजनों की चिंताओं का समाधान करने का कष्ट करें. विधानसभा के स्पीकर का खत बागी कांग्रेस के विधायकों के बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लगभग दस घंटे बाद आया जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा कि उन्हें बेंगलुरु में किसी ने बंदी नहीं बनाया था और उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया था.
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10 मार्च को, सिंधिया के करीबी छह विधायकों सहित 22 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया. स्पीकर ने विधायकों को व्यक्तिगत रूप से इस मामले में उनके सामने उपस्थित होने के निर्देश जारी किए लेकिन 14 मार्च को उन्होंने 22 बागी विधायकों में से छह के इस्तीफे स्वीकार कर लिए. जिन्हें राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के सलाह पर मंत्रियों के रूप में बर्खास्त कर दिया गया था. शेष 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाने बाकी हैं.
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