छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ किया. तीन दिनों तक चलने वाले रामायण महोत्सव के शुभारंभ पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. रामायण महोत्सव में मध्यप्रदेश, झारखंड समेत 12 राज्यों और इंडोनेशिया व कंबोडिया की मानस मंडली अरण्य कांड पर प्रस्तुति देंगी. शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान राम छत्तीसगढ़ के कण-कण में रचे बसे हैं.
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आज शुभारंभ हुआ. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति को देश में पहचान दिलाने के मकसद से राम वन गमन पथ निर्माण, माता कौशल्या महोत्सव के बाद रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. भगवान राम ने 14 साल के वनवास में 10 साल छ्त्तीसगढ़ में गुजारे थे. यही वजह है कि छ्त्तीसगढ़ की संस्कृति में भगवान राम बसे हैं. छ्त्तीसगढ़ माता कौशल्या की जन्मस्थली होने की वजह से भगवान राम को छ्त्तीसगढ़ के लोग भांजा बोलते हैं और भांजे के चरण स्पर्श की परंपरा है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंच से कहा कि भगवान राम हमारी संस्कृति में रचे बसे हैं.
हम सब कितने सौभाग्यशाली हैं कि प्रभु राम हम सबके भांचा हैं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 1, 2023
अपने जीवन का बड़ा काल खंड उन्होंने छत्तीसगढ़ में बिताया है।
हम सबको मां कौशल्या, प्रभु श्री राम ने आशीर्वाद दिया है, उन्हीं की कृपा से "राष्ट्रीय रामायण महोत्सव" जैसा शुभ और पवित्र, भव्य आयोजन हो रहा है।… pic.twitter.com/GPRHrpOPZn
राष्ट्रीय महोत्सव में केरल, कर्नाटक,ओडिशा,असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल महाराष्ट्र, झारखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की टीमें अपनी प्रस्तुति देंगी. तीन दिनों तक चलने वाले महोत्सव के समापन पर कवि कुमार विश्वास अपने-अपने राम म्युजिक नाईट की प्रस्तुति देंगे.
रामायण महोत्सव से दुनिया जानेगी कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ से क्या रिश्ता है और लोगों के भगवान राम कैसे रचे बसे हैं. इस आयोजन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीतिक संदेश दिया है कि भगवान राम किसी विशेष पार्टी के नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस भी भगवान राम की राह पर है.
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