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This Article is From Apr 16, 2022

खरगोन हिंसा: शादियों पर भी दंगे की मार, हिंसा प्रभावित इलाकों में शादी से लोग कर रहे इनकार

मध्‍य प्रदेश के खरगोन में दंगे के बाद कई शादियां रद्द हो गई हैं. बहुत से परिवार दंगा प्रभावित क्षेत्र में अपनी बेटियों की शादी नहीं करना चाहते हैं, वहीं दंगों के कारण कई लोगों के पास सब कुछ खत्‍म हो गया है.

खरगोन हिंसा: शादियों पर भी दंगे की मार, हिंसा प्रभावित इलाकों में शादी से लोग कर रहे इनकार
खरगोन हिंसा के कारण कई परिवारों को शादी स्थगित करने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है. 
खरगोन (मध्य प्रदेश):

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के हिंसा प्रभावित खरगोन में हालात पटरी पर लौट रहे हैं, बावजूद इसके लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खरगोन शहर में कई शादियां रद्द (Weddings Cancelled) कर दी गई हैं क्योंकि बहुत से परिवार दंगा प्रभावित क्षेत्र में अपनी बेटियों की शादी करने से इनकार कर रहे हैं. खरगोन की संजय नगर बस्ती के लोग अभी भी हिंसा की मार झेल रहे हैं. भीड़ ने न केवल उनके घरों को जलाकर राख कर दिया है बल्कि यहां रहने वालों के भविष्य को भी मुश्किलों से भर दिया है.  

स्थानीय निवासी महेश पाटिल ने कहा कि दंगों के चलते उनके बेटे की शादी रद्द हो गई. दो महीने के बाद उनके बेटे की शादी होनी थी, लेकिन दंगों के बाद दुल्हन पक्ष ने अपनी बेटी को दंगा प्रभावित इलाके में भेजने से इनकार कर दिया है. महेश पाटिल के बेटे नानूराम पाटिल की शादी करीब छह महीने पहले तय की गई थी, हालांकि अब लड़की वालों ने शादी से यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि ऐसी घटनाएं यहां पर अक्सर होती हैं. 

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महेश पाटिल ने शुक्रवार को कहा, "मेरे बेटे की शादी रद्द हो गई क्योंकि रामनवमी के दिन दंगाइयों ने मेरे घर को लूट लिया. उसके ससुराल वालों ने देखा कि यहां रहना संभव नहीं है क्योंकि यहां दंगा और पथराव होता है. उनका कहना है कि शादी तभी होगी जब हम कहीं और प्‍लॉट खरीद लेंगे."  

रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा के कारण कुछ परिवारों को अपनी बेटियों की शादी स्थगित करने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है. 

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लक्ष्‍मी की 14 अप्रैल को शादी होने वाली थी. उसने कहा, "रामनवमी पर हमारे गांव में हिंसा हुई. हमने दंगाइयों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे नहीं रुके और हमारे घर को लूट लिया. मेरा घर गिफ्ट और शादी के दूसरे जरूरी सामानों  से भरा हुआ था. सभी रिश्तेदार शादी के लिए यहां थे, लेकिन इसे हिंसा के कारण स्थगित कर दिया गया"

लक्ष्‍मी ने कहा कि दंगाइयों ने कई घरों में लूटपाट की और कई घरों में आग भी लगा दी.

एक स्‍थानीय व्‍यक्ति सतीश ने कहा, "रामनवमी के दौरान तालाब चौक में पथराव हुआ. मेरी बहन की शादी का सामान पड़ोसी के घर में रखा था, जिसे हिंसा के दौरान लूट लिया गया. मैं दूल्हा पक्ष से बात कर रहा हूं, दंगों के कारण शादी की तारीख बढ़ाएंगे." 

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सतीश ने कहा, "प्रशासन को दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और अगर वे कार्रवाई नहीं करेंगे तो हमें  पलायन के लिए मजबूर होना पड़ेगा. यह पहली बार नहीं है,  2016 और 2021 में भी ऐसा ही हुआ था. लोग हमारे गांव आने से डरते हैं और वे गांव के लोगों के साथ किसी भी तरह का रिश्ता नहीं रखना चाहते. लोगों को लगता है कि यहां लड़कियां भी सुरक्षित नहीं हैं और इसलिए वे शादियों के लिए भी मना कर देते हैं."

बता दें कि 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान लोगों के समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया था, जिसमें पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे. 

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