मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सत्ता परिवर्तन को लेकर सियासी चालें खूब चली जा रही हैं लेकिन ऐसा जान पड़ता है कि सूबे के मुखिया कमलनाथ (CM Kamal Nath) भी इस खेल के कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि इस उठापटक के बावजूद उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है. कमलनाथ ने कहा, 'मेरे मंत्री बिकाऊ नहीं हैं. वो सिद्धांतों की राजनीति और जनता की सेवा में विश्वास रखते हैं. हमने (कांग्रेस) अपनी राजनीति के बल पर जो पहचान बनाई है, हम उसपर गर्व करते हैं और कह सकते हैं कि हम मध्य प्रदेश राज्य से हैं. आज हमने ये सुनिश्चित किया है कि राजनीति के स्तर को गिरने नहीं दिया जाए.'
बीते मंगलवार से शुरू हुए इस घटनाक्रम ने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था. कथित तौर पर सत्ताधारी कांग्रेस व अन्य दलों के 10 विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की बात कही गई. कांग्रेसी नेताओं ने बताया कि वह मंगलवार रात ही गुरुग्राम के होटल से अपने 6 विधायकों को वापस ले आए हैं. हरदीप डंग, रघुराज कंसाना, बिसाहूलाल सिंह और निर्दलीय विधायक शेरा भैया अभी भी गायब हैं. गुरुवार को हरदीप डंग ने इस्तीफा दे दिया. डंग ने कहा कि उन्हें पार्टी की ओर से दरकिनार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'कोई भी मंत्री काम करने को तैयार नहीं है क्योंकि वो एक भ्रष्ट सरकार का हिस्सा हैं.'
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सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार का जल्द कैबिनेट विस्तार हो सकता है. नाराज विधायकों को मंत्री पद देकर खुश किया जा सकता है. अभी यह साफ नहीं है कि यह विस्तार बजट सत्र से पहले होगा या फिर बाद में. तीन विधायकों के गायब होने पर सीएम कमलनाथ ने सभी कांग्रेसी विधायकों को समन जारी करते हुए भोपाल में उपस्थित रहने के लिए कहा है, जिससे वह अपनी सरकार की ताकत दिखा सकें. राज्य के मंत्री महेंद्र सिसोदिया ने कहा कि कमलनाथ सरकार को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा, 'कमलनाथ सरकार उस दिन संकट में होगी, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को दरकिनार या उनका अनादर किया जाएगा.'
बताते चलें कि मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं. कमलनाथ सरकार को 120 विधायकों का समर्थन है यानी उनके पास बहुमत के आंकड़े से 4 विधायक ज्यादा हैं. इनमें से 114 विधायक कांग्रेस से, दो बहुजन समाज पार्टी, एक समाजवादी पार्टी और तीन निर्दलीय हैं. राज्य में बीजेपी के 107 विधायक हैं. यहां दो सीटें फिलहाल खाली हैं. अगर गायब चल रहे तीन विधायक इस्तीफा दे देते हैं तो असेंबली की संख्या 224 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा 113 हो जाएगा. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'ये बीजेपी का ऑपरेशन लोटस नहीं बल्कि ऑपरेशन मनीबैग है. हमारी सरकार सुरक्षित है और हम पूरे पांच साल सरकार चलाएंगे.'
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