कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अतिथि शिक्षकों का समर्थन किए जाने और उनके साथ सड़क पर उतरने का बयान दिए जाने और मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा तल्ख प्रतिक्रिया देने के बाद कांग्रेस में तकरार बढ़ गई है. सिंधिया समर्थक मंत्रियों ने जहां सिंधिया के बयान का समर्थन किया है, तो वहीं दूसरे खेमे से नाता रखने वाले मंत्रियों ने आपस में बैठकर बातचीत करने की सलाह दी है. बता दें, सिंधिया ने बीते रविवार को टीकमगढ़ जिले में अतिथि शिक्षकों द्वारा नियमितीकरण की मांग को लेकर किए गए हंगामे के बीच कहा था कि कांग्रेस के वचनपत्र को हर हाल में पूरा किया जाएगा, और जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतरेंगे. इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तल्ख प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि सड़क पर उतर जाएं.
वहीं एक तरफ सिंधिया का बयान और उस पर कमलनाथ की प्रतिक्रिया के बाद बयानबाजी का दौर तेज हो गया है. सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने सिंधिया के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा, 'दोनों वरिष्ठ नेता हैं, उन्हें चाहिए कि वे आपस में बैठकर बात करें. कांग्रेस सरकार में है इसलिए हमें सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं होगी. यह काम तो विपक्ष में रहकर किया जाता रहा है.' वहीं सिंधिया समर्थक दो मंत्रियों इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह तोमर ने खुलकर उनकी पैरवी की. इमरती देवी ने कहा, 'अगर सिंधिया सड़क पर उतरे तो पूरी कांग्रेस सड़क पर होगी, वैसे ऐसा करने की नौबत नहीं आएगी.'
हालांकि सीएम कमलनाथ और सिंधिया के बीच जारी शब्द युद्ध के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए दोनों नेताओं के इस हफ्ते मुलाकात करने की संभावना है. कांग्रेस महासचिव तथा पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि दोनों नेता सत्ता में आने से पहले मध्य प्रदेश की जनता से पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के तौर-तरीकों पर काम करने के लिए मुलाकात करेंगे. बावरिया ने बताया, ‘कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया इस हफ्ते मुलाकात करेंगे और लंबित मुद्दों पर काम करेंगे तथा मध्य प्रदेश के विभिन्न वर्गों के लोगों की चिंताओं और मांगों का समाधान खोजेंगे.'
VIDEO: पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन अरेस्ट, धारा 144 के उल्लंघन का आरोप
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं